बिहार

राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और सुधाकर पर हमला

Admin Delhi 1
14 Jan 2023 1:30 PM GMT
राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और सुधाकर पर हमला
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पटना: जाप प्रमुख व पूर्व सांसद पप्पू यादव ने राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और उनके बेटे विधायक सुधाकर सिंह पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने जगदानंद सिंह को थूकचटवा नेता करार दिया है। पप्पू यादव ने कहा है कि एक ऐसा नेता जो सिर्फ समाजवाद का ढोंग करता है, हकीकत में वह सिर्फ गरीबों का शोषण करता है।

वह ऐसे नेता हैं, जिनकी किसी से नहीं बनी। जिस नीतीश कुमार को लालू प्रसाद ने मुख्यमंत्री बनाया, उसी पर लगातार सवाल उठाकर वह लालू प्रसाद के पीठ में खंजर भोंकने का काम कर रहे हैं। पप्पू यादव ने इस दौरान पर जगदानंद पर बेटे सुधाकर सिंह का समर्थन करने का आरोप भी लगाया।

पप्पू यादव ने कहा कि सुधाकर सिंह भाजपा के अनुकंपा पर आए हैं और वह उनके इशारे पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जितना सुधाकर सिंह ने बोला, उतना अगर दूसरे लोग बोले होते तो कब का पार्टी से निकाल दिए होते, बेटे को क्यों नहीं निकाले? उन्होंने कहा कि किसानों के हमदर्द बनने वाले बाप-बेटे अक्सर किसानों के मामले में चुप क्यों हो जाते हैं?

चुनाव आता है तो बक्सर से लड़ते हैं, लेकिन इस मामले में चुप्पी क्यों? पप्पू यादव ने जगदानंद सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि अपने थूक फेंक दिया तो चांटा क्यों? उन्होंने आरोप लगाया कि जगदानंद ऐसे नेता रहे, जिनकी कभी भी नीतीश कुमार से नहीं बनी, वह हमेशा उनके खिलाफ ही रहे। वह कभी नहीं चाहते थे कि महागठबंधन में नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया जाए।

मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि अगर जगदानंद सिंह में इतनी हिम्मत है तो वह नीतीश कुमार से लड़कर दिखाएं। उन्होंने कहा कि बाप-बेटे की संपत्ति की जांच होनी चाहिए। पप्पू यादव ने कहा कि मुझे समझ में नहीं आता है कि इन बाप-बेटों को तेजस्वी और लालू बर्दास्त कैसे कर रहे हैं? उन्हें तो सबसे पहले पार्टी से लात मारकर बाहर कर देना चाहिए।

दोनों बाप-बेटे तेजस्वी को अपना नेता नहीं मानते हैं। वहीं, बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर द्वारा हिंदू धर्मग्रंथ रामचरितमानस पर की गई टिप्पणी को लेकर पप्पू यादव ने कहा कि शिक्षा मंत्री को इस तरह के बयान से बचना चाहिए।

यह फालूत की चीजों में उलझने के बदले राज्य में जो बीएसएससी और बीपीएससी में पेपर लीक हो रहा है, उसको रोकने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा हो सकता है कि रामचरितमानस का कोई लाइन गलत हो? लेकिन पूरी रामचरितमानस पर और राम के कैरेक्टर पर सवाल उठाना पूरी तरह गलत है। ऐसे लोगों को अपनी जबान कंट्रोल रखना चाहिए।

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