सूबे के गहराते सूखे के संकट के बीच बिहार ने यूपी से अपने हिस्से का पानी मांगा है। इस संबंध में जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से फोन पर बात की और रिहंद जलाशय से बिहार के लिए पानी छोड़ने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि रिहंद जलाशय से बिहार को पिछले कुछ दिनों से पानी नहीं मिल पाने के कारण दक्षिण बिहार में सोन नहर प्रणाली में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने में दिक्कत आ रही है। स्वतंत्र देव सिंह ने बिहार की मांग पर तत्काल विचार करने का आश्वासन दिया।
इसके पहले जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने सूबे में सूखे की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने नहरों में पर्याप्त पानी देने, जरूरत के अनुसार नहरों में जलस्राव में वृद्धि करने, जहां भी जल प्रवाह में किसी तरह की रुकावट आ रही है, उसे तत्परता से दूर करने, वरीय अधिकारियों द्वारा सभी नहरों और जलाशयों में जल की स्थिति की निगरानी करने तथा मुख्यालय को निरंतर अपडेट भेजते रहने के अलावा मुख्यालय से आवश्यकतानुसार फ्लाइंग स्क्वायड भेज कर सिंचाई कार्यों का निरीक्षण कराने के निर्देश दिये। साथ ही उन सभी सिंचाई परियोजनाओं की बाधाओं को एक निश्चित समय सीमा के अंदर दूर करने को कहा, जिनके 50 फीसदी से अधिक कार्य हो जाने के बाद किसी कारण से कार्य लंबित पड़े हैं।
मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गत सप्ताह राज्य में अल्प वर्षापात से उत्पन्न स्थिति की विस्तृत समीक्षा की थी। उन्होंने नहरों में जलापूर्ति जारी रखने, जल संचयन के कार्यों में किसी तरह के अवरोध को जल्द दूर करने और किसानों की समस्याओं से निपटने की तैयारी रखने के निर्देश दिये थे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर खरीफ फसल की सिंचाई के लिए नहरों के अंतिम छोर तक अधिक-से-अधिक पानी पहुंचाने के लिए तत्परता से कार्य किये जा रहे हैं। इसके पहले मंत्री ने राज्य में अल्प वर्षापात से उत्पन्न स्थिति, विभिन्न नहर प्रणालियों में जलस्राव और जलाशयों में जल भंडारण की अद्यतन स्थिति तथा किसानों को खरीफ फसल की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी पहुंचाने की विभाग द्वारा की गई तैयारियों की गहन समीक्षा की।
सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस वर्ष कुल 21.58 लाख हेक्टेयर में खरीफ सिंचाई का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने सिंचाई सृजन के सभी जोन में नहरों में उपलब्ध जल की अद्यतन स्थिति की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने उन अभियंताओं के कार्यों की सराहना की, जिनके द्वारा नहर के अंतिम छोर तक पहली बार पानी पहुंचाया गया है। इस सिलसिले में उन्होंने गंगा पंप नहर, भागलपुर और उग्रनाथ शाखा नहर, मधुबनी के कार्यों का विशेष उल्लेख किया। समीक्षा बैठक में इंजीनियर इन चीफ (हेडक्वार्टर) रविंद्र कुमार शंकर, इंजीनियर इन चीफ (सिंचाई सृजन) ईश्वर चंद्र ठाकुर, इंजीनियर इन चीफ (बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण) शैलेंद्र, मुख्य अभियंता (योजना एवं मॉनीटरिंग) नन्द कुमार झा, विभाग के तकनीकी सलाहकार अंजनी कुमार सिंह मौजूद थे।