मधुबनी न्यूज़: जिले की 1050 आशा को दिया कालाजार उन्मूलन संबंधी प्रशिक्षण दिया जाएगा. कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर जिले के चयनित 16 प्रखंडों के 59 राजस्व ग्राम में सिंथेटिक पाराथिरायड का छिड़काव होगा. इससे पहले घर-घर जाकर आशा कार्यकर्ता लोगों को इसकी जानकारी देंगी. चयनित गांवों के सभी घरों एवम गौशाला के अंदर पूरी दीवार पर छिड़काव किया जाना चाहिए. अगर एक भी घर छिडकाव से वंचित रह गया, तो बालू मक्खी के पनपने का खतरा बना रहेगा.
जिले के बासोपट्टी, मधुबनी बेनीपट्टी, बिस्फी, जयनगर, खजौली, कलुआही, लौकहा, खुटौना, बाबूबरही, लदनिया, लखनौर, मधेपुर, पंडोल, राजनगर, रहिका को शामिल किया गया है. जहां छिड़काव अभियान चलाया जा रहा है साथ ही विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में आशा कार्यकर्ताओं का भीबीडीएस व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के सहयोग से कालाजार उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. इसको लेकर आशा कार्यकर्ता को प्रशिक्षित किया जा रहा है. अभियान के दौरान जिले के 1050 आशाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है. प्रशिक्षण के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को कालाजार उन्मूलन के लिए उपाय बताए जा रहे हैं. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. विनोद कुमार झा ने बताया कि प्रशिक्षण के उपरांत सभी आशा कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को कालाजार से बचाव के बारे में जानकारी देकर उन्हें जागरूक करेंगी. कालाजार के संपूर्ण उन्मूलन के लिए जागरूकता जरूरी है. इसके लिए सरकार की ओर से आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि के रूप में 100 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे.
कालाजार के कारण
कालाजार मादा फाइबोटोमस अर्जेंटिपस (बालू मक्खी) के काटने के कारण होता है, जो कि लीशमैनिया परजीवी का वेक्टर (या ट्रांसमीटर) है. किसी जानवर या मनुष्य को काट कर हटने के बाद भी अगर वह उस जानवर या मानव के खून से युक्त है तो अगला व्यक्ति जिसे वह काटेगा वह संक्रमित हो जायेगा. इस प्रारंभिक संक्रमण के बाद के महीनों में यह बीमारी और अधिक गंभीर रूप ले सकती है, जिसे आंत में लिशमानियासिस या कालाजार कहा जाता है.