पशु पालक और दुधारू पशुओं का होगा सर्वे, आंकड़ों में दूध का उत्पादन
नालंदा न्यूज़: जिले के पालक और दुधारू पशुओं का सर्वे होना है. इसके लिए 30 दिवसीय विशेष अभियान की शुरुआत की गयी है. कृषि समन्वयक और किसान सलाहकारों को घर-घर जाकर सर्वे करने की जवाबदेही दी गयी है. नौ मई तक अंतिम डेडलाइन है. कृषि विभाग द्वारा तैयारी सूची कॉम्फेड को सौंपी जाएगी. इसके बाद आगे की रणनीति पर काम होगा.
पालक और दुधारु पशुओं का डाटाबेस तैयार करने के लिए 15 नगर निकाय तो 231 पंचायतों में एक-एक कर्मी की तैनाती की गयी है. कुछ बड़े क्षेत्र वाले निकाय व पंचायतों में दो कर्मियों की तैनाती हुई है. घर-घर कर्मियों को जाना है और पता लगाना है कि पालक सुधा डेयरी की समितियों से जुड़े हैं या नहीं. अगर नहीं तो इसकी वजह जाननी है. साथ ही दूध देने वाली पशुओं की संख्या और उत्पादन की मात्रा का पूरा आंकड़ा जुटाना है. प्रखंड स्तर पर इसकी मॉनिटरिंग बीएओ को करनी है.
उद्देश्य क्या बिहारशरीफ दूध शीतल केन्द्र के इंचार्ज चन्देश्वर राय बताते हैं कि दुधारु पशुओं का सर्वे दुग्ध संग्रह में वृद्धि करने के उद्देश्य से किया जा रहा है. ज्यादा से ज्यादा दुग्ध उत्पादकों को कॉम्फेड की समितियों से जोड़ना है. पालक और दुधारु पशुओं का डाटा तैयार हो जाएगा तो चलायी जा रहीं योजनाओं का लाभ देना आसान होगा.
आंकड़ों में दूध का उत्पादन
रोज दूध का उत्पादन - 50 से 55 हजार लीटर
सुधार डेयर की दुग्ध समितियां - 700
जुटाने हैं 10 आंकड़े
पशुपालक का नाम, पिता का नाम, वार्ड नंबर, मोबाइल नंबर, दुधारु पशुओं (गाय व भैंस) की संख्या, दूध उत्पादन की मात्रा, घर में दूध की कितनी खपत, बचे दूध को सुधा डेयरी में देतें हैं या किसी और को, संस्थान का नाम व दर (कीमत).