बिहार

अमृत है गाय का दूध, लाभ की संस्कृति ने किया नस्ल से खिलवाड़ : राकेश सिन्हा

Shantanu Roy
1 Nov 2022 6:04 PM GMT
अमृत है गाय का दूध, लाभ की संस्कृति ने किया नस्ल से खिलवाड़ : राकेश सिन्हा
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बेगूसराय। राज्यसभा सदस्य प्रो. राकेश सिन्हा ने कहा कि भारतीय संस्कृति में आदि काल से गाय की सेवा करने की परंपरा रही है। गाय का दूध अमृत है, जो मानव के लिए सर्वोत्तम आहार है। बेगूसराय के तेघड़ा गौशाला में मंगलवार को गोपाष्टमी महोत्सव एवं सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के आध्यात्मिक रहस्य का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि गाय के गोबर एवं गोमूत्र हमारी कृषि के लिए अमृत है। आज लाभ की संस्कृति ने गायों की नस्लों के साथ खिलवाड़ करके हाईब्रीड नस्ल तैयार कर दी गई है। लेकिन देशी गाय हमारे लिए अति उपयोगी है। उन्होंने कहा कि कृषि के वर्मी कंपोस्ट से अच्छा कोई खाद नही है, सनातन धर्म में गाय को लोग पूजते हैं, माता का दर्जा दिया गया है। सभी परिवारों को गौ पालन और गाय की सेवा करनी चाहिए। आज भी हमारी संस्कृति में हमारे घर में रोटी बनती है तो पहली रोटी गौ माता को ही दिया जाता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीएम रोशन कुशवाहा ने कहा कि हिंदू परिवारों में बचपन से गाय के प्रति श्रद्धा का भाव विकसित किया जाता है, गाय को देवता की संज्ञा दी गई है। उन्होंने तेघड़ा गौशाला के चहारदीवारी के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एसडीओ राकेश कुमार, संचालन शिक्षाविद लोकगायक सच्चिदानंद पाठक, स्वागत भाषण गौशाला के सचिव शिवकुमार केजरीवाल एवं धन्यवाद ज्ञापन उपाध्यक्ष सुरेश रौशन ने किया। मौके पर कथावाचिका ब्रह्माकुमारी कंचन, बरौनी डेयरी के प्रबंध निदेशक सुनील रंजन मिश्रा, डीएसपी रविन्द्र मोहन, पूर्व विधायक ललन कुंवर, भाजपा नेता राजेश कुमार अम्बष्ठ, भाजपा के जिला उपाध्यक्ष बलराम सिंह, रामचरित मानस प्रचार संघ के जिलाध्यक्ष रामबली सिंह एवं आधारपुर ठाकुरबाड़ी के महंत गोपाल दास सहित अन्य उपस्थित थे।
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