बिहार

रोहतास में कई योजनाओं की राशि खत्म

Admin Delhi 1
16 Aug 2023 10:00 AM GMT
रोहतास में कई योजनाओं की राशि खत्म
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पंचायतों में काम ठप, स्ट्रीट लाइट लगाने को महज चार-पांच लाख रुपए बचे हैं प्रत्येक प्रखंड में

रोहतास: राशि के अभाव में गांवों का विकास पिछले कुछ महीनों से ठप है. पूर्व में कराए गए कार्य की राशि भी लंबित है. मनरेगा मजदूरों का करीब ढ़ाई से तीन करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है. नाली-गली के अलावे सोख्ता, घाट निर्माण, कुआं सफाई, ढलाई, बाउंड्री वाल निर्माण राशि के अभाव में अधर में है.

स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए भी पैसे कम पड़ रहे हैं. विभागीय सूत्रों की मानें तो हरेक प्रखंड में महज चार-पांच लाख स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए बचे हैं. कहीं चबूतरा निर्माण तो कहीं मवेशी शेड का निर्माण राशि के अभाव में अटकी है. बता दें कि ग्राम पंचायतों का मुख्य काम गांव की सड़क की पक्कीकरण, रखरखाव करना, गांव में पेयजल की व्यवस्था सुदृढ़ करना, पशुओं के पीने के पानी का प्रबंध करना, पशुपालन व्यवसाय, कृषि को बढ़ावा देना, सिंचाई के साधन विकसित करना, गांव को स्वच्छ रखना, गांव में सार्वजनिक स्थानों पर लाइट्स की व्यवस्था करना, श्मशान घाट व कब्रिस्तान का रखरखाव करना होता है. इसके साथ ही कई अन्य कार्य होते हैं. कार्य करने के लिए पंचायत में पांच मदों की राशि खर्च होती है. पंचायत में विकास के लिए चलने वाली 14वीं वित्त, षष्ठम वित्त, मनरेगा, सात निश्चय व 15वीं वित्त मद के पैसे खत्म होने से योजनाएं प्रभावित हो रही हैं. लगभग सभी योजनाओं में राशि समाप्त हो गई है. मनरेगा की राशि खत्म होने से जिले में मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल रही है. वे प्रखंड कार्यालयों की चक्कर काट रहे हैं.

14 वें वित्त से होते हैं अधिकांश काम

पंचायत की गांवों में अधिकांश काम 14 वीं वित्त मद से होती है. इस मद का कार्य दो तरह से होते हैं. पहले में पानी वाले जगहों पर काम जैसे नाली निर्माण, सोख्ता निर्माण, छठ घाट, कुआं सफाई, चापाकल लगाना होता है. वहीं दूसरे में मिट्टीकरण, ढलाई, बाउंड्री वाल व पशु शेड आदि निर्माण कराया जाता है. वहीं, मनरेगा से भी पंचायत में काफी काम होते हैं. मनरेगा के अधिकांश कार्य खेत व खलिहान के होते हैं. पंचायत की एक से दूसरे गांव के जोड़ने वाले रास्ते के मिट्टीकरण से लेकर ईंट सोलिंग का कार्य होता है.

करहा सफाई, तालाब खुदाई, चेकडैम निर्माण आदि कराये जाते हैं. इन दोनों मद में राशि की आकाल का प्रभाव गांवों में दिखने लगी है. पंचायत का विकास का कार्य चरमरा गई है.

पंचायत में स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए प्रत्येक प्रखंड में चार से पांच लाख रुपये बचे है. उपलब्ध राशि से योजना का काम किया जा रहा है. -अमरेंद्र कुमार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी.

कई योजनाओं की राशि खत्म है. राशि मिलने पर काम में तेजी आएगी.

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