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बिहार | नगर परिषद द्वारा कराए जाने वाले विभागीय कार्यों की राशि दोगुनी करते हुए 15 लाख रुपए कर दी गई है. इसको लेकर नगर विकास विभाग ने प्रक्रिया तय करने के बाद को आदेश जारी कर दिया.
महंगाई दर में वृद्धि को देखकर 15 लाख रुपए तक की योजनाओं का कार्यान्वयन विभागीय स्तर से कराने की मांग नगर निकाय से हो रही थी. नगर परिषद के प्रधान सहायक राजदेव राय के मुताबिक 15 लाख या उससे अधिक की योजनाओं में टेंडर के माध्यम से ही काम कराया जा सकेगा. साथ ही कार्यान्वयन की विद्या के संबंध में संबंधित नगर निकाय ही निर्णय लेंगे. इस्टीमेट पर सक्षम प्राधिकार के अनुमोदन व प्रशासनिक स्वीकृति के बाद ही योजनाएं कार्यान्वित होंगी. नगर निकायों के कर्मी योजना के अभिकर्ता हो सकते हैं. योजना शुरू होने से पहले एग्रीमेंट करते हुए कार्यादेश निर्गत किया जाएगा. गुणवत्ता को लेकर मजदूरों के मेठ से शपथ पत्र भी लिया जाएगा.
विभागीय कार्य कराए जाने से टेंडर के पचड़े से मिलेगी निजात 15 लाख से नीचे का कार्य विभागीय स्तर से कराए जाने से टेंडर के पचड़े से मुक्ति मिलेगी. विकास कार्य तेज व जल्दी होगा. कमीशनखोरी के खेल में कमी आएगी. समस्याओं का निदान जल्द होगा. ज्ञात हो कि टेंडर की प्रक्रिया में काफी विलंब हो रही है. जिससे विकास कार्य को गति नहीं मिल पा रही है. उदाहरण के लिए नप में स्वीकृत 11 करोड़ के विकास कार्यो पर आसानी से नजर डाला जा सकता है. सड़क, पुस्तकालय, नाला आदि के 37 योजनाओं के दो माह पहले टेंडर की प्रक्रिया शुरू हुई.
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Harrison
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