
संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में अफ्रीकी देश कांगो में तैनात सीमा सुरक्षा बल (BSF) के दो भारतीय जवान हिंसक प्रदर्शन के दौरान शहीद हो गए। दोनों जवान राजस्थान के हैं। इनमें से एक जवान सीकर के हेड कॉन्स्टेबल शीशुपाल थे। शिशुपाल की शहादत से 5 मिनट पहले का एक सामने आया है। में शिशुपाल कैंप के बाहर प्रदर्शनकारियों पर हैंड ग्रेनेड फेंकते नजर आ रहे हैं। साथ ही वहां मौजूद जवानों की बातचीत से जाहिर हो रहा है कि उनका गोला-बारूद, गोलियां खत्म होती जा रही थी। शांति सेना में महिला जवान भी शामिल थीं।
छत्तीसगढ़ में तैनात BSF कमांडो कुलदीप सिंह गने ने यह शेयर किया था। कुलदीप लक्ष्मणगढ़ के बगड़ियों का बास गांव से करीब 12 किलोमीटर दूर सिंगोदड़ा गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि कांगो में कैंप से ही शिशुपाल ने मोर्चा संभाल रखा था। यह शहादत के 5 मिनट पहले का है, जहां संघर्ष करते हुए शिशुपाल शहीद हो गए।
शिशुपाल के भाई मदन सिंह ने बताया कि अब उनके पार्थिव शरीर का कांगो से आने का इंतजार कर रहे हैं। मदन सिंह खुद BSF में डिप्टी कमांडेंट हैं और फिलहाल जैसलमेर में पोस्टेड हैं। उन्होंने बताया कि 26 जुलाई मंगलवार को कांगो के गोमा में प्रदर्शन हिंसक हो गया। स्थानीय लोगों की हिंसक भीड़ ने यूएन शांति मिशन सेना के कैंप पर धावा बोल दिया।
भीड़ ने जवानों के हथियार छीन लिए और हमला कर दिया। इस झड़प में हेड कॉन्स्टेबल शिशुपाल सिंह और गुढ़ामलानी (बाड़मेर) के जवान सांवलाराम विश्नोई शहीद हो गए। शिशुपाल मई 2022 में शांति सेना में शामिल होकर भारत से कांगो गए थे।
मदन सिंह ने बताया कि शिशुपाल का जन्म 10 जून 1977 को हुआ था। 19 अक्टूबर 1994 में खेल कोटे से उसका चयन BSF में हुआ था। उन्होंने बतौर सिपाही BSF जॉइन की थी। वर्तमान में शिशुपाल मेघालय में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात थे। करीब ढाई महीने पहले ही कांगो जाने से पहले वे गांव आकर गए थे।
तीन भाई, तीनों BSF में
शिशुपाल सिंह के तीन भाई हैं। तीनों ही BSF में नौकरी के जरिए देश की सेवा कर रहे हैं। तीन भाइयों में सबसे बड़े भाई मदन सिंह डिप्टी कमांडेंट हैं जो जैसलमेर में पोस्टेड हैं। उनसे छोटे मूल सिंह भी BSF में है। पिता किसान हैं। माता- पिता दोनों गांव में ही रहते हैं।
शिशुपाल ने पत्नी को किया था वीडियो कॉल
मदन सिंह ने बताया कि शहादत से पहले जब हालात खराब हुए तो शिशुपाल ने पत्नी कमला से वीडियो कॉल किया था। शिशुपाल ने वीडियो कॉल कर बताया था कि यहां हालात खराब हैं। हिंसक प्रदर्शन के बारे में भी बताया था। इसके बाद कांगो से दूसरा वीडियो मदन सिंह के पास आया। यह शिशुपाल के साथी ने बनाया था।
वीडियो में शिशुपाल प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए दीवार के पार हैंड ग्रेनेड फेंकते नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि इसके कुछ देर बाद बेकाबू भीड़ ने जवानों के हथियार छीनकर हमला कर दिया। जिसमें शिशुपाल और सांवलाराम शहीद हो गए।
पत्नी ने बार-बार कॉल किया, नहीं हुआ संपर्क
जानकारी के मुताबिक हिंसक भीड़ ने धावा बोला तो झड़प में शिशुपाल को गोली लग गई। वे गिर पड़े। मदन ने बताया कि शिशुपाल की पत्नी बार-बार संपर्क करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन बात नहीं हो पाई। पत्नी व परिजनों को अनहोनी की आशंका हुई। बुधवार को परिजनों को शिशुपाल की शहादत की जानकारी मिली। शहीद जवान शिशुपाल की बेटी कविता ने हाल ही में MBBS की पढ़ाई पूरी की है। उनका बेटा प्रशांत MBA कर रहा है। पत्नी कमला शिक्षिका हैं।