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पटना: केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अमित शाह अगले महीने बिहार के दो दिवसीय पर दौरे पर आ रहे हैं. बिहार के बदले राजनीतिक माहौल में अमित शाह का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण है. शाह पार्टी को मुकाम तक पहुंचाने के लिए सीमांचल से मिशन 2024 और 2025 का शुभारंभ करेंगे.
2 दिवसीय दौरे पर शाह
जानकारी के अनुसार, अमित शाह 23 सितंबर को पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में जनसभा को संबोधित करेंगे. 23 को ही वो पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे और इसके बाद 24 सिंतबर को किशनगंज के स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेंगे. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बीजेपी संघन अभियान चला रही है.
सीमांचल से मिशन 2024 की शुरुआत
दरअसल, सीमांचल का इलाका खास सामाजिक समीकरण के लिए जाना जाता है और यही वजह है कि बीजेपी अब सीमांचल पर जोर दे रही है. इसके लिए पृष्टभूमि अभी से तैयार की जा रही है. पिछले दिन गृह राज्य मंत्री नित्यानन्द राय (Nityanand Rai) अररिया-फारबिसगंज के दौरे पर आये और यहां कई कार्यक्रम में भाग लिया. 9 सितंबर से पार्टी के बड़े नेता सीमांचल के दौरे पर रहेंगे और यहां प्रवास भी करेंगे.
सीमांचल पर बीजेपी का जोर
बीजेपी रणनीति के तहत सीमांचल के इलाके पर खास जोर दे रही है. सीमांचल का इलाका बीजेपी के वोटबैंक के लिहाज से भी काफी संभावनाओं वाला है और सरकार से अलग होने के बाद बीजेपी इस इलाके से ही अपने चुनावी माहौल की शुरुआत करेगी.
वोटों के ध्रुवीकरण के लिहाज से अहम
जनसंख्या वृद्धि और घुसपैठ जैसे बड़े मुद्दे यहां हैं. महागठबंधन के एकजुट और मजबूत होने के बाद वोट के ध्रुवीकरण को लेकर सीमांचल के इलाके को बीजेपी ने चुना है जहां वो अपनी स्थिति मजबूत कर सकती है.
राजद का गढ़ सीमांचल
दरअसल, सीमांचल में विधानसभा की 24 और लोकसभा की 4 सीट हैं. सीमांचल में राजद हमेशा से मजबूत रही है. 2020 के विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने राज्य की 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था इसमें से 14 सीमांचल की थी. AIMIM यहां पर पांच सीट जीतने में सफल हुई थी, जिसका सीधा नुकसान राजद को हुआ था.
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