बेगूसराय न्यूज़: दिनकर कला भवन में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार की ओर से अनुशंसित नवनियुक्त अमीन का जिला स्तरीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया गया.
नवनियुक्त अमीनों का एक सप्ताह का प्रशिक्षण पाठ्यक्रम निर्धारित है. वहीं 01 सप्ताह का व्यावहारिक प्रशिक्षण विभिन्न अंचलों में निर्धारित है. अपर समाहर्त्ता ने नवनियुक्त अमीनों को उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका से अवगत कराते हुए अपने पदों के प्रति विवेकशील रहने, किसी के बहकावे में न आने का सुझाव दिया गया.
अमीनों को जमीन के बारे में खाता, खेसरा, रकवा एवं चौहदी के बारे में बताया गया. गांव में जमीन कैसा मापी जाती है एवं अंचल में अंचल निरीक्षक व अंचलाधिकारी के द्वारा कैसे सहयोग दिया जायेगा, उसके बारे में भी जानकारी दी गई. यह भी बताया गया कि अमीनों के व्यवहार में ज्यादातर उर्दू एवं फारसी शब्द का प्रयोग ही होता है. उर्दू एवं फारसी शब्दावली को समझने के लिये प्रशिक्षण अवधि में सरकार के द्वारा अध्ययन के लिये किताब भी उपलब्ध करा दी जायेगी.
पाठयक्रम प्रशिक्षण अंतर्गत राजस्व विभाग एवं सर्वेक्षण का संक्षिप्त इतिहास, कैडस्ट्रल सर्वे, रिविजनल सर्वे, चकबंदी की सामान्य जानकारी, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से संबंधित अधिनियमों एवं नियमावली की संक्षिप्त जानकारी, जिला स्तरीय राजस्व प्रशासन का स्वरूप बी टी एक्ट 1885 भू मापी की पृष्ठभूमि महत्व परंपरागत एवं आधुनिक तकनीक का परिचय, राजस्व संबंधी शब्दावली, मापी प्रक्रिया से संबंधित गणित, बिहार विशेष सर्वेक्षण 2011 एवं नियमावली 2012 मानचित्र में प्रयोग होने वाले संकेत चिह्नों, दाखिल खारिज अधिनियम एवं नियमावली, भू अर्जन अधिनियम, भूमि बंदोबस्ती वास गीत पर्चा, अतिक्रमण अधिनियम, अमीन की भूमिका, भू मापी में फिल्डबुक का संधारण, राजस्व विभाग के सॉफ्टवेयर एवं ऑनलाइन सेवाएं, भूमि विवाद निराकरण अधिनियम आदि है.
व्यावहारिक प्रशिक्षण अंतर्गत हलका कार्यालय में संधारित दस्तावेजों, पंजियों का निरीक्षण, खाता, खेसरा, चौहद्दी की विस्तृत जानकारी, त्रिसीमाना की पहचान, मुस्तकिल की पहचान, ग्राम सीमा का निर्धारण एवं पहचान आदि की जानकारी प्राप्त करेंगे. कार्यक्रम में पंचायती राज अधिकारी मुकेश सिन्हा उपस्थित थे.