होमवर्क के साथ बच्चों की हर दिन की उपस्थिति भी देख रहे हैं अभिभावक
दरभंगा न्यूज़: स्कूल डायरी अभिभावकों को बच्चों का प्रदर्शन बता रही है. बच्चे को क्या होमवर्क मिला. बच्चे स्कूल गये या नहीं. क्या पढ़ा-क्या सीखा. मध्याह्न भोजन योजना का लाभ मिला या नहीं, जैसे कई गतिविधियों की जानकारी स्कूल डायरी से मिल रही है.
नतीजतन राज्य के 85 फीसदी अभिभावक हर दिन बच्चे की स्कूल डायरी देखते हैं और इसके बाद ही वो हस्ताक्षर करते हैं. जरूरत पड़ने पर वो शिक्षक से मिलने स्कूल भी पहुंच रहे हैं. बच्चों की पढ़ाई को लेकर जानकारी भी लेते हैं. यह सबकुछ पिछले सप्ताह एससीईआरटी की समीक्षा में सामने आया है.
बता दें कि इस साल पहली बार कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को स्कूल डायरी दी गयी है. राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने स्कूल डायरी को तैयार किया है. किताबों के साथ बच्चे हर दिन डायरी लेकर आते है. इसमें हर दिन शिक्षकों को बच्चों की उपस्थिति लिखनी होती है और साथ में होमवर्क भी देना होता है. एससीईआरटी ने जब स्कूल डायरी की समीक्षा की तो पता चला कि अभिभावक डायरी को लेकर काफी गंभीर है. वो नियमित रूप से डायरी को देखते हैं और उस पर हस्ताक्षर भी करते हैं.
डायरी की समीक्षा में सामने आई बातें
● बच्चों ने प्रतिदिन क्या सीखा, क्या पढ़ा
● किस विषय की पढ़ाई हुई, उसमें कैसा प्रदर्शन रहा
● बच्चे के प्रदर्शन की साप्ताहिक रिपोर्ट
● अन्य गतिविधियों में बच्चे की क्या रुचि है
● बच्चों का स्कूल में व्यवहार कैसा है, शिक्षकों की बातें कितनी मानते हैं
● बच्चा स्कूल समय पर आया या नहीं
( इस तरह की जानकारी हर दिन स्कूल डायरी में लिखी जाती है. इससे पत्येक बच्चे के हर दिन के विकास की जानकारी दर्ज हो रही है)
माता-पिता बच्चों के झूठ भी अब पकड़ रहे
स्कूल डायरी से बच्चों के झूठ को भी पकड़ा जा रहा है. अगर कोई बच्चा किसी दिन स्कूल नहीं गया या फिर बीच में ही स्कूल से निकल गया तो इसकी भी जानकारी अभिभावक और शिक्षकों को मिल जाती है. मध्याह्न भोजन योजना का लाभ छात्र ने लिया या नहीं, अगर नहीं खाया तो उसकी वजह भी आसानी से पकड़ में आ जाती है. क्योंकि स्कूल डायरी में हर बच्चे के मध्याह्न भोजन की भी जानकारी लिखी जाती है. इसके अलावा सुरक्षित की तमाम गतिविधियां स्कूल डायरी में दी गयी है. इससे अभिभावक खुद आपदा प्रबंधन की जानकारी लेते हैं.
स्कूल डायरी की समीक्षा की गई तो पता चला कि ज्यादातर अभिभावक बच्चों के होमवर्क और हर दिन बच्चे स्कूल जा रहे है या नहीं, इसे देखते हैं. अभिभावक शिक्षक संगोष्ठी में भी नियमित आते हैं.
-एस सज्जन आर, निदेशक, एससीईआरटी