रोहतास न्यूज़: प्रलोभन देकर भोले-भाले लोगों से रुपए हड़पने के करीब सात साल पुराने मामले में एसीजेएम उमेश राय की अदालत ने चिट फंड कंपनी के कथित ब्रांच मैनेजर अभियुक्त कोचस निवासी प्रदीप कुमार को तीन साल के कारावास की सजा सुनाई. साथ ही उस पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना जमा नहीं करने पर अभियुक्त को तीन माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. मामले की प्राथमिकी दिनारा थाना क्षेत्र के सोरठी निवासी जयप्रकाश सिंह ने कोचस थाने में दर्ज कराई थी. फर्दबयान में जयप्रकाश का कहना था कि अभियुक्त ने कोचस के एक मार्केट में चिटफंड कंपनी बोनांजा पोर्टफोलियो के नाम से खोली थी. जिसमें उसने अपने को शाखा प्रभारी बता रहा था.
अभियुक्त के प्रलोभन में आकर उसने चिटफंड में अपना पैसा जमा करने लगा. उसने चिटफंड कंपनी में कुलय्850000 रुपए जमा किया था. जब वे पैसे निकालना चाहे तो अभियुक्त ने 22 दिसंबर 2015 को 850000 रुपए का चेक दिया. जिसे पीएनबी कोचस में डाला तो वह पर्याप्त राशि के अभाव में लौट गया. 23 फरवरी 2016 को वकालतन नोटिस भेजा था. इसके बाद भी अभियुक्त ने रुपये नहीं लौटाए. प्रलोभन देकर चिटफंड कंपनी ने कुल करीब 48 लाख 42 हजार रुपए का गबन किया था. मामले में ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से छह गवाहों को पेश किया गया था.
पति को तीन साल का कारावास, छह हजार जुर्माना
प्रताड़ित और मारपीट करने के 12 साल पुराने मामले में एसीजेएम देवेश कुमार की अदालत ने विवाहिता के पति नगर थाना क्षेत्र के भारतीगंज मोहल्ले के रवीन्द्र प्रसाद उर्फ पप्पू को तीन साल की कारावास की सजा सुनाई. साथ ही उस पर छह हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना जमा नहीं करने पर अभियुक्त को छह माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. मामले की प्राथमिकी विवाहिता सुधा देवी ने सासाराम नगर थाने में दर्ज कराई थी. फर्दबयान में महिला का कहना था कि 8 मई 2007 को उसकी शादी अभियुक्त रवीन्द्र के साथ हुई थीको नशे में घर आए तो हमने कहा कि घर में राशन नहीं है. इस पर वे मारने-पीटने लगे.