बिहार
बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया , जिन्होंने आपातकाल के दौरान इन्हें जेल भेजा
Tara Tandi
25 Jun 2023 11:37 AM GMT
x
26 जून 1975 को देश में तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगा दिया गया था. विपक्षी दल तभी से इस दिन को काला दिवस भी बोलते हैं. लगातार विपक्षी दल कांग्रेस पर हमला बोलते रहते हैं और आपातकाल को लेकर आज भी कांग्रेस को सवालों का सामना करना पड़ता है. ताजा मामले में झारखंड के पूर्व सीएम व बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने आरजेडी चीफ लालू यादव और बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर आपातकाल के दिनों को याद करते हुए करारा हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाया है कि जिन्होंने आपातकाल के दौरान इन्हें जेल भेजा था आज ये उसी कांग्रेस का साथ दे रहे हैं. मरांडी ने लालू यादव को उनकी बेटी मीसा के नामाकरण की भी याद दिलाई और कहा कि लालू ने विरोध में अपनी बेटी का नाम ही मीसा रख दिया था.
बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट किया, 'आज ही के दिन लोकतंत्र को बेड़ियों में बांधा गया था.लोकतांत्रिक संस्थाओं, मौलिक अधिकारों और जनविरोध को कैद कर दिया गया था. विरोधियों को हर प्रकार की प्रताड़ना दी गई, उन्हें जेलों में तड़पाया गया. उस दौरान जेल जाने वालों में नीतीश कुमार और लालू यादव सरीखे नेता भी थे.राजनीतिक बंदियों के लिए लाए गए कानून "मीसा" का भारी दुरुपयोग किया गया. इसके विरोध स्वरूप लालू जी ने अपनी सबसे बड़ी बेटी का नाम ही "मीसा" रख दिया.'
उन्होंने आगे लिखा कि नीतीश कुमार जी आपातकाल से निकले, जेपी - लोहिया के साथ उनकी धारा में चले (जो आजीवन इंदिरा गांधी की निरंकुशता का विरोध करते रहे). आज लालू - नीतीश जी सत्ता लोलुपता और अपने अस्तित्व को बचाने के लिए कांग्रेस के शरणागत हैं.कम से कम आज के दिन इन लोगों को एक बयान जारी कर "आपातकाल के काले दिन" की निंदा करनी चाहिए. कांग्रेस को भी उसमें हस्ताक्षर कर भारत की महान जनता से माफ़ी माँगनी चाहिए.
विपक्षी एकजुटता पर भी कसा तंज
विपक्षी नेताओं की मीटिंग के दौरान की एक तस्वीर को शेयर करते हुए बाबूलाल मरांडी ने विपक्षी नेताओं पर तंज कसा है. तस्वीर में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और राहुल गांधी के साथ साथ बैठक से निकलकर जाती हुईं ममता बनर्जी दिख रही हैं. इसी तस्वीर को ट्वीट करते हुए मरांडी ने लिखा, 'विपक्षी एकता में सेल्फ मेड इंसान बिल्कुल नहीं चलेगा....चाहे वो केजरीवाल हों, ममता बनर्जी हों, केसीआर हों या मायावती...यहां सिर्फ परिवारवादी नेताओं की ही चलेगी...विपक्षी एकता दरअसल उन परिवारों का जमावड़ा है जो हमेशा से भारत पर राज करते रहे हैं... नीचे की तस्वीर में ममता दीदी शायद कह रही हैं कि 'अच्छा तो हम चलते हैं'.
Next Story