मुंगेर न्यूज़: सदर अस्पताल में मरीजों के इलाज में लापरवाही का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. की सुबह भी जहर खाए एक मरीज का इलाज किए बिना डॉक्टर द्वारा रेफर करने के बाद बिना रिलीवर डॉक्टर आए ड्यूटी समाप्त कर चले गए.
डॉक्टर की लापरवाही से आक्रोशित परिजनों ने इमरजेंसी वार्ड में जमकर हंगामा किया. हंगामा की सूचना पर सिविल सर्जन ने रिलीवर डॉक्टर को भेजा. इसके बाद मरीज का इलाज शुरू हुआ. हालांकि आईसीयू में इलाज के दौरान पांच घंटे बाद मरीज की मौत हो गई. इस दौरान सुबह 8 बजे से 8.20 बजे तक सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में परिजनों के हंगामा किए जाने के कारण वहां अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई. हंगामा की सूचना पर कोतवाली थाना की पुलिस भी सदर अस्पताल पहुंची. हालांकि कुछ देर बाद डॉक्टर के आने और मरीज का इलाज शुरू किए जाने के बाद परिजनों का आक्रोश समाप्त हुआ.
सुबह 8 बजे इमरजेंसी वार्ड में रात्रि शिफ्ट में ड्यूटी करने वाले डॉक्टर मुकेश कुमार अपनी ड्यूटी समाप्त कर घर निकलने की तैयारी कर रहे थे. लेकिन रिलीवर डॉक्टर नहीं पहुंचे थे. तभी जहर खाने की शिकायत लेकर कुछ लोग धरहरा प्रखंड के गोरैया गांव निवासी जालेश्वर कोड़ा को लेकर इलाज कराने इमरजेंसी वार्ड पहुंचे थे. ड्यूटी समाप्त होने का समय देख डॉक्टर मुकेश मरीज का उपचार किए बिना पुर्जा पर हायर सेंटर रेफर लिखकर घर के लिए निकल गए.
मरीज की सीरियस स्थिति के बावजूद डॉक्टर द्वारा इलाज नहीं किए जाने से परिजन आक्रोशित हो गए और लापरवाही का आरोप लगाकर मरीज के साथ आए परिजन वहां जमकर हंगामा करने लगे. हंगामा की सूचना पर कोतवाली थाना की पुलिस इमरजेंसी वार्ड में पहुंची और आक्रोशित परिजनों को समझाने का प्रयास किया.
सरपंच रहे चुके थे जालेश्वर कोड़ा
जालेश्वर कोड़ा की हत्या को लेकर कई तरह की चर्चा है. चर्चा है कि समाज मे अच्छी पकड़ के कारण जालेश्वर कोड़ा अपराधियों के निशाने पर था. वह पूर्व में आजिमगंज पंचायत से सरपंच था.
नक्सली वारदात की भी चर्चा
आजिमगंज पंचायत में चुनावी बिगुल बजते ही हिंसा का दौर शुरू हो गया है. वही क्षेत्र मे नक्सली चहलकदमी भी तेज होने की भी बात सामने आ रही है. मुखिया अभ्यर्थी हत्याकांड को लेकर लोग नक्सली वारदात से जोड़कर भी देख रहे हैं. लोगों को आशंका है कि पूर्व के नवनिर्वाचित मुखिया परमानंद टुडू की तरह इस बार भी नक्सली कहीं किसी खास उम्मीदवार को फायदा पहुंचाने के लिए घटना को अंजाम तो नही दिया. जिससे स्थानीय ग्रामीणो मे दहशत का माहौल है. बताया जाता है कि बीते दस दिनों से क्षेत्र नक्सली दस्ते को लकड़हारे ने देखा है. नक्सलियो के भय से लकड़हारे जंगल जाने से परहेज कर रहे हैं.