बिहार

नगर निगम में अधिकारी और कार्य एजेंसी के ऊपर लाखों रुपए के बंदरबांट का लगाया गया है आरोप

Admin Delhi 1
17 Feb 2023 7:24 AM GMT
नगर निगम में अधिकारी और कार्य एजेंसी के ऊपर लाखों रुपए के बंदरबांट का लगाया गया है आरोप
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रोहतास न्यूज़: नगर निगम के संसाधनों का निर्धारित किराया मामला गरमा गया है. मेयर काजल कुमारी ने संज्ञान लेते हुए व्यवस्था व अधिकारियों के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा किया है.

बताया जाता है कि नगर निगम में सफाई के कार्य में लगे एजेंसी को सफाई कार्य के लिए नगर निगम का जो संसाधन उपयोग में किया जा रहा है. जिसका किराया काफी कम दर्शाया गया है. लगभग एक वर्ष पूर्व किए गए एग्रीमेंट में किराया कम करके अधिकारियों व एजेंसी कर्मियों द्वारा प्रतिमाह लाखों का बंदरबाट किया है.

दो एनजीओ के जिम्मे शहर की सफाई व्यवस्था मालूम हो कि नगर निगम में दो सफाई एजेंसी क्रमश पाथ्या व सीबीएस कार्यरत है. इन दोनों सफाई एजेंसी को नगर निगम के सभी 48 वार्डो की सफाई के लिए प्रति माह 86 लाख रुपए दिया जाता है. वहीं एग्रीमेंट के अनुसार इन दोनों एजेंसियों को सफाई कार्य के लिए नगर निगम के संसाधनों का उपयोग किया जाता है. लेकिन, नगर निगम द्वारा जो संसाधन उक्त एजेंसियों को दिया गया है, उसका निर्धारित किराया बाजार दर से काफी कम है.

30 हजार प्रतिमाह के किराया पर दे दिया जेसीबी एग्रीमेंट के मुताबिक नगर निगम के जेसीबी का किराया 30 हजार प्रति माह, टीपर का किराया चार हजार प्रतिमाह, बड़ा टीपर पांच हजार प्रति माह, बॉबकट-जेसीबी 24 हजार प्रति माह, ट्रैक्टर चार हजार प्रतिमाह, फॉगिंग मशीन पांच हजार प्रतिमाह, सेक्शन मशीन पांच हजार प्रतिमाह व टेंपो का किराया तीन हजार प्रतिमाह निर्धारित किया गया है. हालांकि रख रखाव की जिम्मेदारी एजेंसी को दी गई है. एग्रीमेंट के अनुसार ईंजन का कार्य नगर निगम कराएगी. एग्रीमेंट में कहा गया है कि प्रथम पक्ष के द्वारा सभी वाहनों में जीपीएस लगाना अनिवार्य है. जिसका मॉनिटरिंग का कार्य नगर निगम कार्यालय से किया जाएगा. लेकिन, आज तक ना हीं जीपीएस लगे और ना हीं किसी ने मॉनिटरिंग हीं की.

समाधान यात्रा के दौरान भी उठा था मुद्दा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समाधान यात्रा के दौरान भी सफाई का मुद्दा उठा था. स्थानीय विधायक राजेश कुमार ने मुख्यमंत्री के सामने सफाई का मुद्दा उठाया था. उनका कहना था कि नगर निगम में प्रतिमाह 86 लाख रुपए खर्च होने के बाद भी सफाई की हालत बदतर है. सफाई के नाम पर राशि का बंदरबांट किया जा रहा है

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