बक्सर न्यूज़: प्रखंड के कोरानसराय महादलित टोला का सभी चापाकल महीनों से बंद है. विभागीय उपेक्षा के कारण सभी चापाकलों का अस्तित्व मिटने के कागार पर है.
नलजल बंद होने की स्थिति में पूरी आबादी को जलसंकट से जूझना पडता है. कोरानसराय के महादलित बस्ती के कुल सौ घरों में पूरी आबादी रहती है. लगभग सभी मजदूर है. पूरे दिन मेहनत करते है, तो इनके घरों के चूल्हे जलते है. महादलित टोला के परिवारों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए
पहले पीएचईडी विभाग ने चापकल लगाया था. कोरानसराय पंचायत के वार्ड संख्या 12 में लगे लगभग सभी सात चापाकल महीनों से बंद पड़े है. विभागीय उपेक्षा के कारण लगभग सभी चापाकल का आधा से अधिक भाग मिट्टी में समा चुका है. विभाग बंद चापाकलों को दुरुस्त करने की दिशा में अब तक कोई पहल नहीं की है. कोरानसराय के मोहन तिवारी ने बताया कि पीएचईडी की ओर से जारी नंबर पर कॉल करने के बाद भी मरम्मत के लिए कोई नहीं आता है.
सात निश्चय से लगा नलजल महादलित बस्ती को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सात निश्चय से नलजल की योजना ली गई थी. जब चापाकल जवाब दे दिए तो नलजल से महादलित बस्ती को पानी की सप्लाई मिल रही है. नलजल में तकनीकी खराबी आने के कारण पिछले दिनों महादलित टोला के लोगों को गर्मी के मौसम में काफी परेशानियों से जूझना पड़ा था. परेशान महादलितों ने डुमरांव-बिक्रमगंज एन.एच.120 को जाम कर विरोध जताया था. विरोध के बाद नलजल की मरम्मत कराकर पानी की सप्लाई शुरु करायी गयी थी. प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी रोहिणी कुमारी ने बताया कि चापाकल बंद होने से पानी का संकट उत्पन्न हो गया था. बंद चापाकलों को दुरुस्त कराने हेतु पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता को पत्र भेजा जा रहा है.