खेती-किसानी समितियां गेहूं खरीदने के लिए प्रस्ताव देने को नहीं दिख रही जागरूक
सिवान न्यूज़: जिले में गेहूं खरीद के लिए रबी विपणन मौसम 2022-23 में लक्ष्य निर्धारित होने के बावजूद समितियां खरीदारी में रुचि नहीं दिखा रहीं. बाजार में गेंहू बिक्री का रेट काफी अधिक होने से समितियां बेंचने के प्रति इच्छुक नहीं दिख रही हैं. यही कारण है कि वह इस दिशा में विभाग को कोई प्रस्ताव भी नहीं दे रही हैं.
बताया जा रहा कि इसका मुख्य कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक बाजार रेट का होना है. जिले में शुरू हो रही गेहूं की खरीदारी के लिए सरकार ने इस वर्ष 40 हजार 323 मिट्रिक टन लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है. हालांकि न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी अधिक बाजार रेट बताया जा रहा है. इस कारण से समितियां गेहूं खरीदारी में दिलचस्पी नहीं दिखा रही हैं. वहीं किसानों का कहना है कि जब बाजार में 2200 रुपये प्रति क्विंटल रेट है तो समितियों को आखिर 2125 रुपये पर गेहूं क्यों बेंचा जाए. एसएफसी द्वारा 50 किलो पर एक किलो अतिरिक्त गेहूं लिए जाने से भी किसान बाजार में अपना गेहूं बेंचना अधिक उचित समझ रहे हैं. हालांकि पैक्स व्यापार मंडल सीवान संघ के अध्यक्ष राजकिशोर सिंह का कहना है कि सरकार अगर बोनस देती है तो किसान समितियों को गेहूं बेंचने में रुचि दिखा सकते हैं. बहरहाल, 31 मई तक इस वर्ष गेहूं की खरीदारी होने वाली है. गेहूं का बाजार मूल्य पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी सरकार के समर्थन मूल्य से अधिक है, इसलिए इस वर्ष भी गेहूं की खरीदारी पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं. बाजार में गेहूं का रेट काफी अधिक होने से किसान समितियों को गेहूं बेंचने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. उनका कहना है कि इस परिस्थिति में खुले बाजार में गेहूं बेंचना अधिक फायदेमंद होगा. सरकार ने जितनी राशि तय की है उससे अधिक बाजार में मिल रहा है. पिछले वर्ष सरकार द्वारा दो हजार 25 रुपण समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया था. इस वर्ष सौ रूपए का इजाफा हुआ है. पिछले वर्ष भी न्यूनतम समर्थन मूल्य से 100 रुपये अधिक बाजार भाव था. सहकारिता विभाग के अनुसार, जिले में इस वर्ष 40 हजार 323 मिट्रिक टन गेहूं की खरीदारी करनी है. इसके लिए इस बार न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है.