कृषि किसानों की आय बढ़ेगी, तीन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस होंगे स्थापित
मुजफ्फरपुर न्यूज़: राज्य के किसानों की आय बढ़ेगी. कृषि उपकरण और तकनीक से लैस किसानों के उत्पादों को बाजार दिलाकर ऐसा किया जाएगा. इसके लिए बजट में विशेष प्रावधान किए गए हैं. सरकार ने एक अप्रैल से लागू हो रहे चौथे कृषि रोड की योजनाओं के लिए भी खजाना खोल दिया है. कृषि विभाग को वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 3639.78 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है. इसमें योजना मद में 2781.99 करोड़ और स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय मद में 857.79 करोड़ रुपये शामिल हैं. हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के सरकार के निश्चय के तहत उपज बढ़ाई जाएगी. किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए चौथे रोडमैप में कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्द्धन और कृषि उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाएगा. सेकेंड्री कृषि से संबंधित शिक्षा एवं शोध संस्थान की स्थापना की जाएगी. सरकारी कृषि मंडियों में आधारभूत संरचनाओं का विकास कर उसे आधुनिक बनाया जाएगा. किसानों को मौसम, कीट व्याधि आदि के संबंध में परामर्श के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. राज्य में डिजिटल कृषि के तहत सिंगल विंडो सुविधा शुरू की जा रही है. इसके जरिए किसानों को फसलों में लगने वाले कीट व्याधि आदि के संबंध में वैज्ञानिकों की सलाह उचित समय पर मिल सकेगी.राज्य में जलवायु अनुकूल खेती के विस्तार पर अधिक जोर
अगले साल भी जलवायु अनुकूल खेती कार्यक्रम को जारी रखा जाएगा. इसे बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक प्रत्येक जिले में कृषि वैज्ञानिकों की देखरेख में जलवायु अनुकूल कृषि तकनीक का प्रचार-प्रसार किया जाएगा. फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिए क्रॉप डायवर्सिफिकेशन मिशन की स्थापना की जाएगी. अभी राज्य के 190 गांवों में जलवायु अनुकूल खेती की जा रही है. इसके अलावा जैविक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा. जैविक उत्पाद को बाजार दिलाने का प्रयास किया जा रहा है.
दलहन-तेलहन व मोटे अनाज को बढ़ावा
दलहन एवं तेलहन तथा पोषक अनाजों को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे. इसके लिए दलहन एवं तेलहन विकास मिशन की स्थापना की जाएगी. इसके तहत क्षेत्रवार उपयुक्त फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके अलावा मडुआ, कोदो, सांवा, कौनी आदि के उत्पादन पर जोर दिया जाएगा.
बीज उपलब्धता के लिए निजी भागीदारी
बीज की उपलब्धता किसानों के बीच सुनिश्चित करने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाई जाएगी. पीपीपी मोड में इसे बढ़ावा दिया जाएगा. बीज समग्र योजना, बीज रोलंग प्लान लागू की जाएगी. आधुनिक कृषि यंत्रों को बढ़ावा देने के लिए विशेष कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी.
कृषि क्षेत्र में राज्य में तीन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाएंगे. दरभंगा मे मखाना और बांका में मधु (शहद) का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा. वहीं, भूमि एवं जल संरक्षण कार्यों के विस्तार के लिए गया में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा.
उत्तर बिहार के जिलों में किया जाएगा. इसके लिए भी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस गया में बनेगा. पिछले साल के बजट में नालंदा के चंडी में सब्जियों का और वैशाली के देसरी में फलों के पौधे का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जा चुका है.