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बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav On Agnipath Scheme) ने दिल्ली में आरजेडी सांसद मनोज झा के आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है
नई दिल्ली: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav On Agnipath Scheme) ने दिल्ली में आरजेडी सांसद मनोज झा के आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि इसके जरिए सरकारी नौकरियों में ठेकेदारी प्रथा के तहत आरक्षण को समाप्त किया जा रहा है. रेलवे और लेटरल एंट्री में ऐसा ही हो रहा है. अग्निपथ योजना के तहत भाजपा और संघ अपने अनुषांगिक संगठनों के तंग विचारों वाले लोगों को सरकारी खर्चे पर ट्रेनिंग दिलाने को आतुर है. वह इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरजेडी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए जिनमें राज्यसभा सांसद मनोज झा भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल का जवाब देते हुए नजर आए.
तेजस्वी ने कहा कि यह पहली सरकारी नौकरी होगी, जिसमें बेरोजगार होने की 75 प्रतिशत गारंटी है. चार साल बाद 25 प्रतिशत चुने हुए नियमित सैनिक बनने के लिए भाई-भतीजावाद, जातिवाद, घूसखोरी और क्षेत्रवाद का खेल होने की भी पूरी गारंटी है. क्या प्रतिभाशाली युवा चार वर्षों की संविदा नौकरी के बाद भाजपा सरकार के पूंजीपति मित्रों के व्यावसायिक ठिकानों की रखवाली करेंगे? तेजस्वी ने कहा कि रेलवे एवं सेना में भी नौकरियां ठेके एवं सिविल सेवा में लेटरल एंट्री (Lateral Entry) के नाम पर दी जाने लगेंगी तो शिक्षित युवा क्या करेंगे? क्या चार साल के लिए ठीके पर सेना में नियुक्त होने वाले जवानों में अनुशासन, समर्पण और अपनी रेजिमेंट के लिए जोश, जुनून और जज़्बा पैदा हो पाएगा.
तेजस्वी यादव ने दिल्ली में राज्यसभा सांसद मनोज झा के आवास पर प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर बताया कि पिछले कुछ दिनों से देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस योजना से युवाओं में भारी आक्रोश है और यही वजह है कि पूरे देश भर में युवा प्रदर्शन कर रहे हैं. तेजस्वी ने कहा कि युवाओं की आत्मा मर रही है, तो देश की आत्मा भी मर रही है. भारत सरकार की नई योजना अग्निपथ इसे लेकर युवा के मन में संशय है. भारत सरकार को संशय दूर करने चाहिए.
आरजेडी सांसद मनोज झा के आवास पर प्रेस वार्ता : बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज दिल्ली में आरजेडी सांसद मनोज झा के आवास पर प्रेस वार्ता आयोजित करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध करते हैं. इसके जरिए सरकारी नौकरियों में ठेकेदारी प्रथा के तहत आरक्षण को समाप्त किया जा रहा है. रेलवे और लेटरल एंट्री में ऐसा ही हो रहा है. अग्निपथ योजना के तहत भाजपा और संघ अपने अनुषांगिक संगठनों के तंग विचारों वाले लोगों को सरकारी खर्चे पर ट्रेनिंग दिलाने को आतुर है. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरजेडी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए. राज्यसभा सांसद मनोज झा भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल का जवाब देते हुए नजर आए.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने कहा कि यह पहली सरकारी नौकरी होगी, जिसमें बेरोजगार होने की 75 प्रतिशत गारंटी है. क्योंकि चार साल बाद 25 प्रतिशत चुने हुए नियमित सैनिक बनाने के लिए भाई-भतीजावाद, जातिवाद, घूसखोरी और क्षेत्रवाद का खेल होने की पूरी गारंटी है. क्या प्रतिभाशाली युवा चार वर्षों की संविदा नौकरी के बाद भाजपा सरकार के पूंजीपति मित्रों के व्यवसायिक ठिकानों की रखवाली करेंगे? तेजस्वी ने कहा कि रेलवे एवं सेना में भी नौकरियां ठेके और सिविल सेवा में लेटरल एंट्री (Lateral Entry) के नाम पर दी जाने लगेंगी, तो शिक्षित युवा क्या करेंगे? क्या चार साल के लिए ठेके पर सेना में नियुक्त होने वाले जवानों में अनुशासन, समर्पण और अपनी रेजिमेंट के लिए जोश, जुनून और जज्बा पैदा हो पायेगा.
बता दें, तेजस्वी यादव ने आज दिल्ली में राज्यसभा सांसद मनोज झा के आवास पर प्रेस वार्ता आयोजित कर बताया कि पिछले कुछ दिनों से देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस प्रदर्शन को युवा कर रहे हैं, युवाओं में भारी आक्रोश हैं, युवा की आत्मा मर रही है, तो देश की आत्मा भी मर रही है. भारत सरकार की नई योजना अग्निपथ को लेकर युवा के मन में संशय है. सरकार को संशय दूर करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं सरकार से बीस सवाल पूछना चाहता हूं. क्योंकि ये सरकार जो भी योजना लाती है, वो टेक ऑफ से पहले ही लैंड हो जाता है. तेजस्वी यादव ने सरकार से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 20 सवाल पूछे हैं. उन्होंने सवालिया लहजे में केंद्र की सरकार से पूछा कि केंद्र सरकार बताए चार साल तक जिन युवाओं को सेना में रखा जाएगा क्या स्थाई सैनिकों की तरह उन्हें भी 90 दिनों की नियमित छुट्टी दी जाएगी, अग्निपथ योजना के तहत सरकार सैनिकों में अधिकारियों की भर्ती क्यों नहीं कर रही है, सिर्फ सैनिकों की भर्ती क्यों की जा रही है. उन्होंने आगे पूछा कि ये योजना शिक्षित युवाओं के लिए मनरेगा है क्या,या फिर संघ का कोई हिडन एजेंडा है.
तेजस्वी ने किया केन्द्र सरकार से किया सवाल: तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार को घेरते हुए सवालों के बाण छोड़ते रहे, इन्हीं सवालों में तेजस्वी ने पूछा कि क्या चार साल देश की सेवा करने के बाद जो राशि मिलेगी, क्या उसके उपर टैक्स भी लगेगा? उन्होंने पूछा कि क्या ये सरकार अग्निवीरों को सैनिक मानती है तो क्या उनलोगों को ग्रैच्युटी मिलेगी. क्या अग्निवीरों को कैंटीन और अन्य सुविधायें दी जाएगी. क्या योजना बनने से पहले रक्षा विशेषज्ञों की राय ली गई थी? तेजस्वी ने पूछा कि क्या यह सरकारी पहली ऐसी योजना है तो 4 साल की है. इन सारे प्रश्नों के बाद उन्होंने उन लोगों की शिक्षा के प्रति नाराजगी जताई और सरकार से पूछा कि क्या नौकरी से 22 वर्ष की आयु में रिटायर होंगे तो उनकी उच्च शिक्षा प्रभावित होगी तो सरकार उसके लिए क्या कदम उठाएगी. वहीं कुछ राजनैतिक विश्लेषकों का मत है कि 22 वर्ष की आयु में रिटायर होने से देश में कानून व्यवस्था में भी परेशानी होगी. केन्द्र सरकार पर सवाल उठाया कि वे लोग वन रैंक वन पेंशन की बात करते थे, और अब नो रैंक नो पेंशन ले आए. तेजस्वी ने सवाल उठाया कि सेना में प्रतिवर्ष करीब 60 हजार सैनिक रिटायर होते हैं, तो बहाली अबतक क्यों नही हुई है.
सरकार से पूछा कि अगर ठेके पर नौकरी देने लगेंगे, तो फिर युवा क्या करेंगे. अगर बीजेपी को ठेकेदारी प्रथा पसंद है, तो बीजेपी विधायक, सांसद,और मंत्री भी अपने बच्चों को सरकारी नौकरी से निकाले. केंद्र सरकार पर बड़ा प्रहार करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पूंजीपतियों के लोन माफ करती है, और सेना के बजट में यह सरकार कटौती करती है. तेजस्वी ने पूछा कि सरकार को सेना के मामले में दखल देना कितना सही है. यह सरकार बेरोजगारी की इस विकराल समस्या को ठीक से हल क्यों नही कर पा रही है. वहीं यह भी पूछा कि जो आजकल के युवाओं के जीवन में तनाव है, उसका जिम्मेदार कौन है. वहीं उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि यह सरकार सबसे ज्यादा हिंसा और अराजकता की दोषी है. केंद्र सरकार में दस लाख पद रिक्त है, इन सीटों की अभी तक बहाली नहीं निकाली गई है, इसका दोषी कौन है? उसके बाद तेजस्वी ने पत्रकारों को याद दिलाया कि क्या केंद्र की मोदी सरकार ने पूरे देश के लोगों से 2 करोड़ नौकरी, खाते में 14 लाख धन और अच्छे भविष्य का वादा नहीं किया था, उसका क्या हुआ?
Rani Sahu
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