बिहार

25 मई के बाद धान का बिचड़ा डालने का काम होगा शुरू

Admin Delhi 1
17 May 2023 10:24 AM GMT
25 मई के बाद धान का बिचड़ा डालने का काम होगा शुरू
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सिवान न्यूज़: गेहूं की कटनी-दौनी पूरी होने के बाद इसका भंडारण करके राहत की सांस ले ही रहे थे कि अप्रैल के आखिरी सप्ताह और मई महीने के पहले दिन हुई बारिश के बाद किसान खेत की जुताई में जुट गए. अब मक्का, मड़ुआ, बाजरा व ज्वार आदि अन्य मोटे अनाज के खेतों की तैयारी करने में जुटे हुए हैं.

खरीफ की फसल लगाने से पहले किसान ग्रीष्मकालीन खेत की जुताई की जाती है. खरीफ की फसल धान का बिचड़ा डालने से पूर्व भी किसान अपने खेत की दो-तीन बार जुताई करके मिट्टी जनित हानिकारक कीटों को खत्म कर देना चाहते हैं. ऐसे में किसान खेत की दूसरी जुताई भी कर रहे हैं. इस समय खेत की जुताई करके अपनी फसल को नुकसान होने से बचाने में किसान सफल भी बनेंगे. किसान मुरारी राय ने बताया कि 25 मई के बाद ही धान का बिचड़ा डालने का काम शुरू हो जाएगा. चंवरी और नहर के किनारे के गांवों के किसान रोहिणी नक्षत्र में ही धान का बिचड़ा डाल देते हैं. बांगर क्षेत्र के किसान जून के पहले सप्ताह से बिचड़ा डालते हैं. बिहार में मानसून 9 जून के बाद दस्तक देता है. जिले में बिचड़ा डालने के काम में 9 जून से तेजी आ जाती है और 21 जून के बीच पूरा कर लिया जाता है. किसान अनुमान लगा रहे हैं कि इस वर्ष अच्छी बारिश होगी और धान की फसल भी अच्छी होगी. इधर, किसान मड़ुआ का बिचड़ा डालने का काम भी शुरू कर दिये हैं. किसानों का कहना है कि जून में ही पहले सप्ताह तक इसकी रोपनी भी हो जाएगी.

खरीफ सीजन में मक्का की भी होती है बुआई खरीफ सीजन में किसान मक्का, अरहर, उड़द, ज्वार, बाजरा व मडुआ की भी खेती करते हैं. मडुआ का बिचड़ा तो कई किसानों ने डाल भी दिया है. जबकि कई किसान डालने की तैयारी कर रहे हैं. इसकी रोपनी धान का जब बिचड़ा डालने से पूर्व ही होती है. किसान लक्ष्मण भगत ने कहा कि मडुआ की फसल अब कम ही किसान लगा रहे हैं.

सरकार मोटे अनाज के लिए किसानों को अनुदान दे तो इसकी खेती बड़े पैमाने पर होगी. कई किसान हरित खाद के लिए अपने खेत में ढैंचा और मूंग की बुआई शुरू कर दिए है.

कई किसान ऑनलाइन आवेदन करके सरकारी स्तर से मूंग और ढैंचा मिलने का इंतजार कर रहे हैं.

बिचड़ा लगाने के पूर्व खेत की जुताई जरूरी

किसान सलाहकार नवीन पांडेय ने कहा कि खरीफ की फसल लगाने के पूर्व किसानों को सलाह दी जाती है कि अप्रैल या मई माह में अपने खेतों की गहरी जुताई कर मिट्टी को पूरी तरह से पलट दें. धान के बिचड़े लगाने के पूर्व खेत की जुताई करने से मिट्टी में छुपे हानिकारक कीटाणु, उनके अंडे और पीपा धूप की गर्मी में खत्म हो जाते हैं. साथ ही मिट्टी जनित फफूंद व कवक भी साफ जाते हैं.

ऐसे कीटों को चिड़िया अपना निवाला बना लेती है. इससे मिट्टी जनित बीमारियां से फसल को सुरक्षा मिलती है. नवीन पांडेय बताया कि अप्रैल-मई माह में खेत की छह इंच तक खेत की जुताई करनी चाहिए.

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