बिहार
पुरे पटाने में 'ग्रेजुएट चायवाली' के बाद अब 'आत्मनिर्भर चायवाली' के चर्चे
Kajal Dubey
15 May 2022 10:43 AM GMT
x
'ग्रेजुएट चायवाली' के बाद अब 'आत्मनिर्भर चायवाली' के चर्चे
पटना में इन दिनों दो-दो चायवालियों के चर्चे हैं। बोरिंग केनाल रोड में ग्रेजुएट चायवाली का स्टाल सजा है तो गांधी मैदान के पास आत्मनिर्भर चायवाली का। अपने हौसले के बल पर बेरोजगारी को मात देने वाली दोनों युवतियां पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना से प्रेरित हैं।
पटना, ऑनलाइन डेस्क। बिहार में बेवफा चायवाला (Bewafa Chaiwala) के बाद आइआइटीयन चायवाला (IITian Chaiwala) ने बाजार में धमाल मचा दिया। अब दो-दो चायवालियों के भी खूब चर्चे हैं। 'ग्रेजुएट चायवाली' (Graduate Chaiwaali) के बाद अब 'आत्मनिर्भर चायवाली' (Aatmanirbhar Chaiwaali) के टी-स्टाल (Tea Stall) पर भीड़ उमड़ती दिख रही है। खास बात यह कि दोनों ने बेरोजगारी के दौर में चाय की पटरी पर रोजगार का विकल्प खोजा है। दोनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) कर परिकल्पना से प्रेरित हैं। दोनों चायवालियां उच्च शिक्षा प्राप्त तथा फर्राटेदार अंग्रेजी (English Speaking) बालती हैं।
पटना में इन दिनों 'आत्मनिर्भर चायवाली' की चर्चा
पटना में इन दिनों 'ग्रेजुएट चायवाली' की चर्चा हो ही रही थी कि अब एक 'आत्मनिर्भर चायवाली' भी बाजार में आ गई है। बीसीए (बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लिकेशन) की पढ़ाई के बाद मोना पटेल को जब महज 15 हजार की नौकरी मिली तो चाय बेचने का फैसला कर लिया। इसके पीछे पटना में 'ग्रेजुएट चायवाली' के नाम से चर्चा में आई प्रियंका की सफलता की कहानी भी प्रेरणा बनी। फिर क्या था, मोना नौकरी छोड़ परिवार को बिना बताए पटना के गांधी मैदान (Patna Gandhi Maidan) के पास चाय बेचने लगी।
पीएम मोदी को मानतीं प्रेरणास्रोत: मोना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना प्रेरणास्रोत बताती हैं। मूल रूप से समस्तीपुर की निवासी हैं। पिता कुंदन पटेल एक निजी स्कूल में शिक्षक हैं। पटना के जेडी वीमेंस कालेज (JD Women's College) से साल 2021 में बीसीए करने के बाद महज 15 हजार की नौकरी मिली तो इसमें मोना का मन नहीं लगा। इसी बीच नौकरी नहीं मिलने पर पटना वीमेंस कालेज के पास चाय बेचने वाली 'ग्रेजुएट चायवाली' की सफलता की कहानी सुनी तो माेना ने भी ऐसा ही करने की ठानी।
पटना गांधी मैदान के पास टी स्टाल: पटना के गांधी मैदान के पास मोना का टी स्टाल आकर्षण का केंद्र बन गया है। उसकी मसाला चाय, कुल्हड़ चाय व पान चाय तो ग्राहक खूब पसंद कर रहे हैं। अपनी चार से पांच तरह की चाय को 10 से 20 रुपये तक की कीमत पर बेच कर वह रोजाना चाय बेच कर एक हजार रुपये तक कमा लेती है।
नौकरी नहीं मिली तो बन गई 'ग्रेजुएट चायवाली'
अब बात टी-स्टाल खोलने में मोना की प्रेरणा बनी 'ग्रेजुएट चायवाली' प्रियंका गुप्ता की। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से अर्थशास्त्र में स्नातक करेन के बाद जब नौकरी नहीं मिली, तब प्रियंका ने दोस्तों की मदद से पटना वीमेंस कॉलेज (Patna Women's College) के पास अपना टी स्टाल लगा दिया। प्रियंका के चाय टी स्टाल पर ठेठ अंदाज में लिखी पंचलाइन- 'पीना ही पड़ेगा' और 'सोच मत...चालू कर दे बस' जोगों को बरबस आकर्षित करने लगे। आमदनी बढ़ी तो प्रियंका ने अब अपना बड़ा स्टाल पटना के बोरिंग केनाल रोड में एसके पुरी पार्क (SK Puri Park, Patna) के पास शिफ्ट कर दिया है।
मेहनत करो, बहाने मत बनाओ: पूर्णिया के बनमनखी में किराना की दुकान चलाने वाले प्रभाकर प्रसाद गुप्ता उर्फ जानी की बेटी प्रियंका को टी-स्टाल लगाने का आइडिया चाय बेचने का आइडिया आइआइएम अहमदाबाद (IIM, Ahmedabad) के पास टी-स्टाल लगाने वाले 'एमबीए चाय वाला' प्रफुल्ल बिलोर की सफलता से मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) की परिकल्पना से प्रेरित पढ़-लिखकर बेरोजगारी का रोना रोने वाले लोगों से कहती हैं कि मेहनत करो, बहाने बनान से काम नहीं चलेगा।
TagsDiscussions of 'Self-reliant Chaiwali' in full swingknow what is the reasonAfter 'Graduate Chaiwali' in Patnanow there is talk of 'Self-reliant Chaiwali'bihar hindi newsjanta se rishtajanta se rishta newsmid day newsdopahar ka akhabarBihar Hindi NewsRelationship with the publicRelationship with the public NewsMid day newsAfternoon newspaper
Kajal Dubey
Next Story