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नालंदा। जिला के राजगीर प्रखंड स्थित नाहुब गांव में सुअर में अफ्रीकन स्वाइन फीवर मिलने की पुष्टि हुई है। जिसके रोकथाम के लिए आज जिला प्रशासन ने एक किलोमीटर के परिधि तक मिलने वाले सूअरों को मारने का आदेश दे दिया है। साथ ही सुअरों के खाने वाले खाद्य पदार्थ को भी नष्ट कर, क्षेत्र को संक्रमण मुक्त बनाने का आदेश दिया गया है। 1 किलोमीटर से 10 किलोमीटर के परिधि में आने वाले सभी सुअरों को चिन्हित करने का आदेश जिलाधिकारी ने दिया है ताकि उसका सर्विलांस किया जा सके।
इसके लिए जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया है। जो सभी सुरक्षात्मक प्रबंध, बायोसिक्योरिटी मानकों का पालन कर जागरूकता फैलाने, बीमारी का प्रचार प्रसार करना एवं 10 किलोमीटर रेडियस वाले क्षेत्र को बाहरी सूअरों के आगमन से प्रतिबंधित करने की कार्रवाई का आदेश दिया है।
दरअसल नाहूब गांव निवासी अनिल कुमार का सुअर फार्म था। जहां वे पिछले 3 साल से 250 सुअर का पालन कर रहे थे। अचानक मार्च महीने से एक एक कर सूअर मरना शुरू हो गया। जिसके बाद वहाँ के सुअर का सैम्पल लेकर राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल भेजा गया था। 22 जून को रिपोर्ट आई जिसमें अफ्रीकन स्वाइन फीवर मिलने की पुष्टि हुई।
जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने बताया कि 1 किलोमीटर की परिधि तक के सूअरों की कलिंग की जाएगी एवं उसके पशुपालक को मुआवजा भी उपलब्ध कराया जाएगा। सुरक्षा के दृष्टिकोण से 10 किलोमीटर तक के परिधि में सूअरों के मांस की खरीद बिक्री पर पूर्णता प्रतिबंध लगा दिया गया है। एवं इसके रोकथाम और फैलाव को रोकने के लिए पशुपालन पदाधिकारी के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर दिया गया।

Shantanu Roy
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