बिहार

हाईकोर्ट के आदेश पर 125 घरों को तोड़ने पहुंचा प्रशासन

Admin Delhi 1
3 Jun 2023 5:09 AM GMT
हाईकोर्ट के आदेश पर 125 घरों को तोड़ने पहुंचा प्रशासन
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नालंदा न्यूज़: हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस-प्रशासन की टीम प्रखंड के शिवनंदन नगर गांव में 125 घरों को तोड़ने पहुंची थी. प्रशासन का कहना था कि अतिक्रमणकारियों ने तालाब को भरकर घर बना लिये हैं. ग्रामीण इसके विरोध में उतर गयें और रोड़ेबाजी कर दी. रोड़ेबाजी में जेसीबी मशीन का शीशा टूट गया. भारी पुलिस बल होने के बाद भी टीम को बैरंग लौटना पड़ा.

ग्रामीणों का कहना है कि मर जाएंगे पर घर नहीं टूटने देंगे. ग्रामीणों ने घर तोड़ने के बदले दूसरी जगह पर जमीन व मकान बनाकर देने की मांग की है. गर्मी के कारण तीन महिलाएं बेहोश हो गयीं. उन्हें अस्पताल लाया गया. इधर, अधिकारियों ने कहा कि अगली बार और अधिक पुलिस बल लेकर आएंगे और अतिक्रमण कर बनाये गये घरों को तोड़ेंगे.

घंटों होती रही नोकझोंक दोपहर के समय पुलिस-प्रशासन की टीम गांव पहुंची. उनके पहुंचते ही सैकड़ों ग्रामीण जमा हो गये. पहले तो ग्रामीणों ने हाथ जोड़कर घर नहीं तोड़ने की प्रार्थना की. दोनों पक्षों में बातचीत भी हुई. बातचीत के बाद ग्रामीण नारेबाजी करने लगे. पुलिस ने सख्ती करने की कोशिश की तो लोग रोड़ेबाजी करने लगे. रोड़ेबाजी में जेसीबी के शीशे टूट गये. घंटों नोकझोंक होती रही. इसके बाद भी ग्रामीण पीछे हटने को तैयार नहीं हुए. बाद में टीम वापस लौट गयी.

20 एकड़ गैरमजरुआ आम जमीन का है मामला गांव में करीब 150 घर हैं. 20 एकड़ गैरमजरुआ आम जमीन है. हाई कोर्ट ने 125 घरों को तोड़ने का नोटिस दिया है. 700 की आबादी वाले गांव में सड़क, बिजली, पानी, नाली और गली भी है. गांव के 81 लोगों का घर इंदिरा आवास योजना से बना है. अधिकारियों ने बताया कि 20 एकड़ गैरमजरुआ आम जमीन में तालाब है. पहले इससे खेत पटवन होता था. इसके अतिक्रमित कर लिया गया है. प्रशासन की टीम में एसडीओ अभिषेक पलासिया, सदर डीएसपी डॉ. शिब्ली नोमानी, डीसीएलआर शफीक, रहुई, बिन्द व सरमेरा के सीओ, बीडीओ, रहुई प्रखंड के अधिकारियों के अलावा रहुई, वेना व भागन बिगहा थाना की पुलिस शामिल थी.

घर तोड़ने पर तुला है प्रशासन

ग्रामीण शंभू पासवान, माया देवी, सोनी देवी, मंजू देवी, रिंकू देवी, पिंटू पासवान, शिवम पासवान, अरुण पासवान, सुधीर पासवान, रोहित पासवान, योगेन्द्र पासवान, पल्कू मांझी आदि ने बताया कि तालाब का अतिक्रमण नहीं किया गया है. तालाब के किनारे उनके घर बने हैं. अतिक्रमण हटाने से पहले सरकार जमीन उपलब्ध कराए. कुछ जमीन पर ग्रामीणों ने तालाब भी खुदवा दिया है.

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