बिहार

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में नहीं मिल रही पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं

Admin Delhi 1
13 Jun 2023 8:30 AM GMT
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में नहीं मिल रही पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं
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मुंगेर न्यूज़: जिले के सूदूर इलाके के लोगों को पर्याप्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा 5 हजार की आबादी पर एक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का निर्माण किया गया. जिले में पूर्व से संचालित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, स्वास्थ्य उपकेन्द्र, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को उत्क्रमित करते हुए स्वास्थ्य सुविधाएं और उपकरण बढाते हुए 179 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का निर्माण कर दिया गया.

सुबह 9 से शाम 5 बजे तक संचालित होने वाले सभी एचडब्ल्यूसी (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) में चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में 1 सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) और नर्स को प्रतिनियुक्त कर दिया गया. स्वास्थ्य विभाग दावा करता है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को एचडब्ल्यूसी से पर्याप्त चिकित्सा सुविधा मिल रही है. जबकि हकीकत यह है कि जांच व दवा के अभाव में लोगों को समुचित चिकित्सा सुविधा का लाभ एचडब्ल्यूसी से नहीं मिल रहा है. राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा जारी नई गाइडलाइन के अनुसार सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में 14 प्रकार की जांच की जानी है. लेकिन जिले में फंक्शनल सभी 179 एचडब्ल्यूसी में अभी भी 7 प्रकार की ही जांच हो पा रही है. इसी तरह सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में 151 प्रकार की दवा उपलब्ध रखने का निर्देश राज्य स्वास्थ्य समिति का है. इसके लिए सभी एचडब्ल्यूसी में 151 प्रकार के दवा की सूची भी प्रदर्शित की गई है. लेकिन हकीकत यह है कि किसी केन्द्र पर 151 प्रकार की दवा उपलब्ध नहीं है. अधिकांश केन्द्रों पर 90 से 100 प्रकार की दवाइयां ही उपलब्ध है. सभी जगह पैथोलॉजिकल जांच के लिए लैब तकनीशियन भी उपलब्ध नहीं है. कई स्थानों पर स्टाफ नर्स ही कीट से जांच करती है.

कई एचडब्लयूसी में स्टाफ नर्स को बना दिया गया है चिकित्सा पदाधिकारी जिले में फंक्शनल 179 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में से महज 27 केन्द्र पर ही चिकित्सा पदाधिकारी तैनात हैं. जिसमें से उत्क्रमित हुए 21 एपीएचसी तथा 06 शहरी पीएचसी शामिल है. इसके अलावा 77 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ आफिसर) को चिकित्सा पदाधिकारी बनाया गया है. शेष 75 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में स्टाफ नर्स को ही सीएचओ बना दिया गया है.

14 प्रकार की जांच का आदेश, हो रही मात्र सात

राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा जारी नए आदेश में सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में इलाज कराने पहुंचे मरीजों की 14 प्रकार की पैथोलॉजिकल जांच का आदेश दिया गया है. जिसमें यूरिन टेस्ट, मल्टीपारामीटर यूरिन डिपिटिक, ब्लड सूगर, मलेरिया, हीमोग्लोबिन, स्पूटम कलेक्शन (टीबी), आयोडिन टेस्टिंग, एचआईवी, डेंगू, वाटर टेस्टिंग, हेपेटाइटिस बी, फाइलेरिया, सिफलिस और वीआईएस स्क्रीनिंग शामिल है. लेकिन इनमें से एचआईवी, स्पूटम कलेक्शन, हीमोग्लोबिन, मलेरिया जांच, ब्लड सूगर, यूरिन टेस्ट और यूरिन डिपिटिक टेस्ट ही हो पा रहा है.

बहुत सारी दवाइयों का बीएमएसआईसीएल के पोर्टल पर रेट एप्रूव नहीं रहने के कारण वैसी दवाओं की खरीद नहीं हो पा रही है. जहां तक जांच का सवाल है तो सभी 14 प्रकार की जांच के लिए सभी जगह कीट उपलब्ध करा दिया गया है. अगर एचडब्ल्यूसी में सभी 14 प्रकार की जांच नहीं हो रही है तो वह इसकी पड़ताल कराएंगे. जिलाधिकारी भी खुद इस संबंध में लोगों से पूछताछ कर रजिस्टर भी चेक करते हैं. उनका प्रयास है कि जिले के सुदूर क्षेत्र के लोगो को समुचित चिकित्सा लाभ मिले.

- डा.पीएम सहाय, सिविल सर्जन, मुंगेर.

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