बिहार
शिक्षा विभाग के निदेशक(प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी द्वारा जारी पत्र के मुताबिक
Tara Tandi
23 Aug 2023 7:03 AM GMT
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बिहार की शिक्षा विभाग को दुरूस्त करने में जुटे शिक्षा विभाग के ACS IAS केके पाठक ने एक बार फिर से सख्त एक्शन लेते हुए शिक्षा विभाग के कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज गिराई है. इस बार शिक्षा विभाग के मुख्यालय यानि सचिवालय के लापरवाह अधिकारियों व कर्मचारियों पर IAS KK Pathak के द्वारा कार्रवाई की गई है और उनका वेतन रोकने का आदेश दिया गया है. शिक्षा विभाग के निदेशक(प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी द्वारा जारी किए गए पत्र के मुताबिक, शिक्षा विभाग के सभी प्रशाखा पदाधिकारियों, सहायकों और संचिका उपस्थापन से संलग्न सभी लिपिकों का वेतन रोके जाने का आदेश दिया गया है. वेतन इसलिए रोका गया है क्योंकि शिक्षा विभाग के कर्मचारी काम में लापरवाही बरत रहे थे.
क्या लिखा है पत्र में?
पत्र में लिखा गया है कि शिक्षा विभाग के प्रशाखाओं के निरीक्षण के दौरान कई जगह ये बात सामने आई कि प्रशाखा पदाधिकारियों औऱ सहायकों ने अपना काम ठीक ढंग से नहीं किया है. उन्हें बेकार पड़ी फाइलों को नष्ट करने के आदेश दिए गए थे लेकिन ऐसा नहीं किया गया और ये आदेश की अवहेलना है. इस कारण अगले आदेश तक संचिकाओं से संबंधित सारे प्रशाखा पदाधिकरियों, सहायकों और लिपिकों के वेतन पर रोक लगा दी गई है.
बता दें कि शिक्षा विभाग का एसीएस बनने के बाद से लगातार केके पाठक सुर्खियों में बने हुए हैं. शिक्षा मंत्री के साथ टकराव से लेकर और उनके आप्य सचिव के शिक्षा विभाग में प्रवेश करने से रोके जाने तक के फरमान पाठक द्वारा जारी किया जा चुका है. वहीं, आईएएस केके पाठक लगातार किसी ना किसी जिले में शिक्षा व्यवस्था की हकीकत जानने के लिए दौरा कर रहे हैं. कई शिक्षकों का वेतन भी अभी तक उनके आदेश पर काटा जा चुका है. मनमाने तरीके से टीचरों द्वारा ली जानेवाली छुट्टियों पर भी केके पाठक ने अंकुश लगा दिया है. कुल मिलाकर शिक्षा व्यवस्था ठीक करने के लिए केके पाठक लगातार एक के बाद एक फैसले ले रहे हैं.
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