बिहार
कार्बाइन से एक्सीडेंट फायरिंग इतनी कैसे- सवाल यही; रिटायर्ड DIG
Tara Tandi
26 Aug 2023 12:21 PM GMT
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बिहार में गया जिले बोधगया में विश्वप्रसिद्ध महाबोधि मंदिर शुक्रवार को खबरों में रहा। यहां एक पुलिसकर्मी की कार्बाइन से दनादन गोलियां चलीं और जबतक लोग संभलते उसकी लाश पड़ी थी। तत्काल मंदिर परिसर को खाली कराया गया। घंटों फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) टीम के पटना से आने का इंतजार किया गया। कुछ लोगों ने इसे सुसाइड कहा, हालांकि कोई सुसाइड में कई गोलियां मार ले- संभव नहीं। पुलिस ने प्रथम दृष्टया इसे एक्सीडेंटल फायर कहा। 'अमर उजाला' ने फायरआर्म एक्सपर्ट और रिटायर्ड IG से इसपर बात की। सवाल यही कि क्या कार्बाइन इतना खतरनाक हो सकता है कि एक्सीडेंटल गिर जाए तो जान चली जाए। पता चला कि देश में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जहां गिरने से कार्बाइन की गोली अचानक चली। लेकिन, ताजा मामले को एक्सीडेंटल मानना मुश्किल इसलिए हो रहा, क्योंकि आश्चर्यजनक रूप से यहां 'गोलियां' चली थीं। रिटायर्ड IG प्राणतोष कुमार दास ने भी यही कहा कि कार्बाइन गिरने पर गोली तो चल सकती है, गोलियां नहीं।]
पहले जानें कि फायर आर्म एक्सपर्ट इसे कितना खतरनाक बता रहे
नाम नहीं छापने की शर्त पर दो हथियार विशेषज्ञों ने बताया कि हवलदार को मुख्य रूप से कार्बाइन या पिस्टल दिया जाता है। वैसे यह ड्यूटी के स्थान पर भी निर्भर करता है। लेकिन हवलदार को विभाग की तरफ से मुख्य रूप से कार्रवाई ही देती है। विशेषज्ञों का कहना है कि कार्बाइन काफी सेंसिटिव हथियार होता है।
कार्बाइन में 3 पॉइंट
हथियार विशेषज्ञों का कहना है कि कार्बाइन में 3 पॉइंट होते हैं जिसके आधार पर फायरिंग की जाती है।
1. सिंगल - कार्बाइन को इस ऑप्शन पर रखने पर एक बार में एक ही फायरिंग होती है।
2. ऑटोमेटिक- ऑटोमेटिक ऑप्शन रखने पर हल्का से ट्रिगर दबाने पर 3 से 5 गोली चल सकती है। ट्रिगर अगर 9 से 10 सेकंड तक दबाए रखा जाए तो पूरा मैगजीन खाली हो जाएगा।
3.STOP - इस ऑप्शन में S लिखा होता है। अगर कार्बाइन को STOP ऑप्शन में कर दिया जाए यानी लॉक कर दिया जाय तो ट्रिगर दबाने पर भी फायरिंग नहीं होती है।
गोलियों की क्षमता
कार्बाइन में लगने वाले मैगजीन में 34 गोली रखने की क्षमता होती है लेकिन जवान इसमें 32 गोली ही रखते हैं। इसके पीछे उनका तर्क यह है कि ऐसा सुरक्षा की दृष्टिकोण से किया जाता है। स्प्रिंग न फंसे इसके लिए जवान मैगजीन में 32 गोली ही डालते हैं। इसमें लगने वाली गोली 9 एमएम की होती है। हथियार विशेषज्ञों का कहना है कि कार्बाइन के गोली का रेंज 40 से 50 मीटर तक होता है। उनका मानना है कि इस रेंज की परिधि में अगर कार्बाइन की एक गोली लग जाए तो मौत संभव है।
कार्बाइन की खामी
कार्बाइन की सबसे बड़ी खामी यह है कि अगर गलती से बट की तरफ से यह हथियार गिर जाए तो कार्बाइन से ऑटोमेटिक फायरिंग होने लगती है। इसकी वजह यह है कि स्लाइड फ्री रहता है जिस वजह से हल्का दबाव होते ही फायरिंग हो जाती है।
रिटायर्ड IG ने कहा- या तो एक गोली चलती या पूरी मैगजीन
इस संबंध में सेवानिवृत आईपीएस अधिकारी पी के दास का कहना है कि कार्बाइन काफी सेंसिटिव होता है। इसमें खास बात यह है कि जबतक ट्रिगर पर अंगुली नहीं पहुंचेगा तबतक गोली नहीं चलेगी। उन्होंने बताया कि यह भी सही है कि कार्बाइन के अचानक गिर जाने से फायरिंग हो सकती है लेकिन वह भी सिर्फ एक या एक साथ सारी गोली। यह मुमकिन नहीं लगता है कि हवलदार के गिरने से सिर्फ तीन गोली ही चलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना को जिस तरह एक्सीडेंटल बताया जा रहा है उसमें सीने में गोली लगना संदेह पैदा करता है। गिरने के बाद तीन गोली सीने में लगना मुमकिन नहीं। आईपीएस पीके दास के अनुसार, इस घटना को एक्सीडेंटल तब माना जा सकता है जब यह घटना सीसीटीवी में कैद हुआ हो या फिर इस घटना का कोई चश्मदीद गवाह हो। हालांकि, इस मामले पर बेहतर जानकारी वहां मौजूद अधिकारी ही दे सकते हैं।
सवाल यह है
अब सवाल यह है कि जब कार्बाइन इतना खतरनाक हथियार होता है कि अचानक गिर जाने से इससे ऑटोमेटिक फायरिंग होने लगता है जिससे कई लोगों की जान जा सकती है, तो फिर उसे लॉक क्यों नहीं रखा जाता या फिर सरकार उसे लॉक रखने का निर्देश जारी क्यों नहीं करती।
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