भागलपुर : भागलपुर में दोस्त की बहन की शादी में शामिल होने आए युवक की उसके दोस्त ने ही बेहद क्रूरता से चाकू से गोदकर हत्या कर दी। मृतक की पहचान जोगसर थानाक्षेत्र के दीपनगर चौक में स्थानीय बिट्टू मंडल के पुत्र आशीष कुमार के तौर पर हुई है। शुरुआती जांच में आपसी झगड़े को वजह बताया गया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और हत्या के आरोपी दोस्त अभिषेक कुमार उर्फ दयालू की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है
जानकारी के मुताबिक, मृतक आशीष अमन, अंशु और दयालू के साथ बुधवार शाम को तातारपुर थानाक्षेत्र के गोलाघाट निवासी अपने दोस्त प्रिंस की बहन की शादी में शामिल होने पहुंचे थे। शादी में किसी बात को लेकर मामूली झगड़ा हो गया। इससे नाराज अभिषेक कुमार उर्फ दयालू ने जोगसर के दीपनगर चौक पर आशीष के सिर, छाती और पेट पर चाकू से कई वार किए। घायल आशीष को लहूलुहान हालत में देर रात तीन दोस्तों ने ही जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उपचार के दौरान गुरुवार की सुबह उसकी मौत हो गई।
बरात में मच गई भगदड़
प्रिंस की बहन की शादी में आशीष की हत्या के बाद भगदड़ मच गई। बरात में शामिल होने आए लोग उल्टे पांव अपने घर के लिए रवाना होने लगे। बचे लोग भी पुलिस की पूछताछ से घबराकर कुछ भी कहने से बचते रहे। इसके बाद पुलिस ने वर और वधू पक्ष के लोगों से पूछताछ कर घटना के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही थी। इस बीच, आशीष के तीन चश्मदीद दोस्त अमन, अंशु और प्रिंस अभिभावकों के साथ जोगसर थाने पहुंचे और घटना की जानकारी पुलिस को दी।
तीनों ने पुलिस को बताया कि आपसी झगड़े में अभिषेक उर्फ दयालु ने छुरा घोंप दिया था। वह आशीष को जमीन पर गिराकर छाती ,पेट और सिर पर लगातार चाकू से वार करता रहा और फिर भाग निकला। हम लोगों ने आशीष को जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती कराया, जहां गुरुवार की सुबह उसकी मौत हो गई।
आशीष के पिता बिट्टू मंडल ने बताया कि आशीष तीन बेटों और दो बेटियों में मंझला था। तीन महीने बाद 18 साल का हो जाता। जिस दोस्त अभिषेक कुमार उर्फ दयालु ने बेटे की हत्या की उससे लंबे समय से दोस्ती थी। मां बबीता देवी ने बताया कि बुधवार की शाम को ही सभी दोस्त प्रिंस की बहन की शादी में भाग लेने निकले थे। अभिषेक उर्फ दयालु नशाबाज है, उसकी दोस्ती पर वह हमेशा एतराज जताती थीं।
आशीष का परिवार मूल रूप से जगदीशपुर के बलुआचक का रहने वाला है। परिवार गोलाघाट स्थित ननिहाल में आकर बस गया है। पिता पेंटर का काम कर परिवार चला रहे हैं।