मुंगेर न्यूज़: जिले के भूमिहीन और भवनहीन विद्यालयों को अपना भवन उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन ने कवायद आरंभ कर दी है. पिछले दिनों शिक्षा विभाग के अपर मुख्य निदेशक के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग में हुई समीक्षात्मक बैठक के बाद डीएम नवीन कुमार ने जिले के 23 भूमिहीन विद्यालयों के लिए जगह आवंटित कर दी है. डीएम के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने 23 भूमिहीन विद्यालयों के भवन निर्माण का प्रस्ताव विभाग को भेजा है. इसके अलावा जिले के 51 अति जीर्णशीर्ण विद्यालयों के जीर्णोद्धार का भी प्रस्ताव विभाग को भेजा है. सरकार द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के पश्चात आधारभूत संरचना निगम द्वारा ऐसे विद्यालयों के भवन निर्माण का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा. 30 लाख से अधिक की राशि वाले विद्यालय भवन का निर्माण आधारभूत संरचना निगम के द्वारा किया जाएगा. जबकि जीर्णोद्धार का कार्य स्थानीय स्तर से कराया जाएगा. बता दें कि जिले में 214 विद्यालय ऐसे हैं जिनके भवन या तो पूरी तरह जीर्ण शीर्ण हैं अथवा भवन ही नहीं हैं. ऐसे सभी विद्यालयों को प्राथमिकता के आधार पर भवन निर्माण की प्रक्रिया में विभाग जुट गया है.
जिले में 104 विद्यालय भवनहीन, 69 भूमिहीन
शिक्षा विभाग से प्राप्त आंकड़ा के अनुसार जिले में 104 सरकारी विद्यालय भूमिहीन है, जिसे अपना भवन नहीं है. 69 विद्यालय भूमिहीन है. जीर्णशीर्ण 300 विद्यालय भवन हैं. इनमें से अतिजीर्णशीर्ण 51 विद्यालयों के जीर्णोद्धार का प्रस्ताव बनाकर विभाग द्वारा सरकार को भेजा गया है. प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद ऐसे विद्यालयों का जीर्णोद्धार शुरू हो जाएगा.
पिछले दिनों शिक्षा विभाग के एसीएस के साथ डीएम की समन्वय बैठक हुई थी. इसके पश्चात डीएम की पहल पर भूमिहीन और भवनहीन विद्यालयों की सूची तैयार कर इनके निर्माण और जीर्णोद्धार का प्रस्ताव भेजा गया है. प्रथम चरण में टाप प्रायोरिटी वाले भवनहीन 23 और अतिजर्जर 51 विद्यालयों के जीर्णोद्धार का प्रस्ताव भेजा गया है. विभाग द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति मिलने पर ऐसे विद्यालयों का निर्माण आधारभूत संरचना निगम द्वारा किया जाएगा.
- विनय कुमार सुमन, डीपीओ, सर्वशिक्षा अभियान, मुंगेर.