बिहार

अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर कस्तुरबा गांधी बालिका School में आयोजित किया गया कार्यक्रम

Gulabi Jagat
9 Sep 2024 10:21 AM GMT
अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर कस्तुरबा गांधी बालिका School में आयोजित किया गया कार्यक्रम
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Lakhisarai लखीसराय: महिला एवम बाल विकास निगम व जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस वंदना पांडेय के दिशा निर्देश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना अन्तर्गत अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर दो दिवसीय कार्यक्रम अंर्तगत कस्तुरबा गांधी बालिका विद्यालय टाइप फोर हलसी के छात्राओं के बीच जागरूकता रैली एवम पेंटिग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। मौके पर छात्राओं के द्वारा कई स्लोगन लगाएं गए जिसमें पढ़ेंगे पढ़ाएंगे साक्षर भारत बनाएंगे,दीप से दीप जलाएंगे साक्षर समाज बनायेंगे, साक्षरता हमें जगाती है शोषण से बचाती है , बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, हर बच्चा पढ़ेगा तब देश बढ़ेगा, पोषण भी पढ़ाई भी,सक्षम नारी सशक्त भारत जैसे कई नारे छात्राओं के द्वारा लगाए गए। उसके बाद ग्यारह छात्राओं के समूहों के बीच पेटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देना आपसी समझ और शांति के लिए साक्षरता के ऊपर साक्षरता से सम्बन्धित पेंटिंग छात्राओं के समूह के द्वारा बनाया गया। समूह के छात्राओं के लीडर के द्वारा बनाए गए पेंटिंग पर प्रस्तुति दिया गया। निर्णायक मंडली के द्वारा अच्छे पेंटिंग एवम बेहतर प्रस्तुति देने वाले समूहों को क्रमश: प्रथम द्वितीय एवम तृतीय स्थान दिया गया। जिसमें समूह प्रथम ने प्रथम स्थान समूह सात ने द्वितीय स्थान एवम समूह दस ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। टॉप तीन समूहों के बीच स्कूली बैग वितरण किया गया जिसमें कंपास, सेनेटरी नेपकिन, एग्जाम पैड, पानी बोतल व तौलिया दिया गया।डॉ मनोज कुमार सिंहा जिला परियोजना प्रबंधक महिला एवम बाल विकास निगम ने बताया कि प्रतियोगिता में हार जीत लगा रहता है।
इसलिए जो पीछे रह गए हैं वो समूह मनन करें की क्या कमी रह गई थी जिसके कारण हम पीछे रह गए। पेंटिग और रैली का मुख्य उद्देश्य था आपके और समाज के बीच संदेश देना ताकि हर मानव साक्षर हो जिससे देश आगे बढ़े। जिला मिशन समन्वयक प्रशांत कुमार ने बताया कि साक्षरता के मुख्यत: तीन आयाम है। पहला पढ़ना दूसरा लिखना और तीसरा दैनिक जीवन के उपयोग में आने वाले गणित का हिसाब किताब करना। यदि ये तीनों आयाम जिस मनुष्य में आ गया हो तो समझें वो साक्षर हो गए हैं। साक्षर होने से मात्र जीवन का स्तर ही ऊंचा नहीं होगा बल्कि समाज और राष्ट्र भी उन्नत होगा। इसलिए आज साक्षरता दिवस के अवसर पर हमसभी संकल्प लें की कम से कम अपने घर परिवार में कोई भी निरक्षर नहीं रहे। बिना शिक्षा के जीवन अंधकारमय जैसा होता है। बाल विवाह, घरेलू हिंसा, लैंगिक हिंसा व समानता पर भी इनके द्वारा जानकारी दिया गया।उड़ान परियोजना के जिला समन्वयक आरीफ हुसैन के द्वारा 21 वीं सदी के कौशल के बारे में शिक्षण कौशल महत्वपूर्ण सोच रचनात्मकता सहयोग और संचार,साक्षरता कौशल व मीडिया व प्रोद्योगिकी कौशल, जीवन कौशल के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दिया गया। प्रभारी वार्डन सह शिक्षिका अनुप्रिया रानी के द्वारा बताया गया कि बिना शिक्षा के जीवन अंधकारमय जैसा होता है। शिक्षा एक ऐसा शस्त्र है जिसके माध्यम से हमसब कुछ पा सकते हैं। आज समाज प्रगति कर रहा है इसके बावजूद साक्षरता चुनौतिया बनी हुई है । जिसे सबको मिलकर दूर करना है। मौके पर सहयोगी कर्मी आकाश कुमार, गौतम रविदास छात्रा ईशा,अंजली, प्रिया,स्वेता सहित दर्जनों छात्रा मौजूद रहे।
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