बिहार

मिथिला राज्य के मुद्दे पर चार दिसंबर को राज्यभवन तक मार्च किया जायेगा

Shantanu Roy
11 Nov 2022 6:16 PM GMT
मिथिला राज्य के मुद्दे पर चार दिसंबर को राज्यभवन तक मार्च किया जायेगा
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सहरसा। मिथिला स्टूडेंट यूनियन के मिथिला वादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरत झा का अभिनंदन समारोह किया गया।जहां प्रदेश अध्यक्ष व जिप सदस्य अमित ठाकुर,जिप सदस्य सागर नवदिया, धीरज कुमार झा,मिथिलावादी नेता विद्या भूषण राय, संरक्षक संतोष मिश्रा, शिवेंद्र वत्स उपस्थित थे। बैठक को संबोधित कर नेताओं ने कहा कि 04 दिसम्बर को मिथिला राज्य के मुद्दे को लेकर गांधी मैदान से राज्यभवन तक मार्च किया जाएगा।इसी संदर्भ में 15 नवम्बर से 25 नवम्बर तक 10 लाख मैथिलों के बीच व्यापक स्तर पर हस्ताक्षर चलाकर समर्थन जुटाएगी।ई शरत झा ने कहा कि भौगौलिक, आर्थिक, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से मिथिला के पास एक राज्य की सारी योग्यताएं हैं । दुर्भाग्य की बात है की भारत की स्वतंत्रता के समय ही इसे राज्य का दर्जा प्रदान नहीं किया गया। परिणाम स्वरूप स्वतंत्रता के पूर्व तथा बाद से कुछ वर्षों में जो इसका आर्थिक ढांचा था धीरे धीरे वह भी नष्ट हो गया।वही शोषण तथा उपेक्षा इतनी बढ़ती गई कि सारे उद्योग धंधे समाप्त हो गए तथा उससे सम्बंधित कृषि का विनाश होता गया। प्रतिवर्ष बाढ़ एवं अकाल के तांडव तथा राजनेताओं के खोखले आश्वासन,छलावा एवं शोषण यहाँ की नियति बन गई।
अतः अगर शोषण तथा विकास को आधार मानकर राज्यो का निर्माण होता रहा है तो भी मिथिला राज्य का निर्माण परमावश्यक एवं समयानुकूल है । राज्य स्थापना के बाद ही इस क्षेत्र के सर्वागीण विकास की बात सोची जा सकती है। कृषि, उद्योग-धंधा, पर्यटन शिक्षा एवं संस्कृति के विकास से ही इस क्षेत्र की दुर्दशा तथा बेरोजगारी का अंत हो सकता है तथा लोगों को पलायन रुक सकता है।भाषा, लिपि, क्षेत्र, जनसंख्या और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के मानक पर खरा उतरते हुए मिथिला पूर्ण राज्य बनने का अधिकार रखता है। मिथिला के सर्वांगीण उन्नयन एवं अभ्युत्थान के लिए एक मात्र विकल्प मिथिला राज्य है।बैठक में संगठन के समर्थित मेयर उम्मीदवार अभिषेक वर्मा ने कहा एक समय ऐसा था जब मिथिला में अन्य प्रदेश के लोग रोजगार हेतु आते थे।आज मिथिला के लोग रोजागर के लिये अन्य प्रदेशो मे पलायन कर रहे हैं।पिछले कुछ सालों में पटना में 55 ओवरब्रिज बना हैं,लेकिन उत्तर बिहार मिथिला क्षेत्र की दशा और दिशा हैं किसी से छुपा नही हैं।एक ओवरब्रिज के लिये सहरसा तरस रहा हैं।इन्ही सब मुद्दे के साथ ये मगहिया नीति के खिलाप 4 दिसम्बर को हज़ारो की संख्या में पटना राज्य भवन की ओर कुच किया जाएगा।कार्यक्रम में उपस्थित संगठन के पूर्व प्रदेश सचिव कौशल क्रांतिकारी,अभिभावक के रूप में रवि वर्मा,भगवान रॉय,सचिव रतन मिश्रा ,विद्यापति रॉय,कुंदन सिंह,रमेश पासवान,राजन यादव,मोहमद असलम ,टिंकु मैथिल,विकास झा,अनुज एवं अन्य मौजूद थे।
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