पटना न्यूज़: भीषण गर्मी से पशुओं का बुरा हाल है. आम दिनों की तुलना में अभी राज्य के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में दोगुनी संख्या में बीमार पशु आ रहे हैं. ऐसी स्थिति बीते 10-15 दिनों से है. पशुपालन विभाग ने पशुपालकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है. विभाग ने कहा कि भीषण गर्मी में पशुओं को लू लगने की आशंका बढ़ जाती है.
ऐसे में तीव्र बुखार, मुंह खोलकर जोर-जोर से सांस लेना अर्थात हांफना व मुंह से लार गिरने लगता है. भूख में कमी व पानी अधिक पीना, पेशाब बंद होना या कम हो जाता है. पशुओं की धड़कन बढ़ जाती है. अफरा व पशुओं में दूध देने की क्षमता घटने की बात सामने आ रही है. जहानाबाद के पशुपालन पदाधिकारी अनिल सिंह व लालगंज पशुचिकित्सालय के चिकित्सक डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि पशुओं को इलेक्ट्रॉल पाउडर और ग्लूकोज घोलकर पिलाते रहें.
लू से बचाव को ये करें: पशुओं को हवादार पशुगृह में रखें. छायादार वृक्ष के नीचे रखें. पशुगृह को ठंडा रखने व दीवारों पर जूट का टाट लटका कर उस पर थोड़ी-थोड़ी देर में पानी का छिड़काव करें. पंखे या कूलर का उपयोग भी कर सकते हैं. दिन में चार बार साफ व ठंडा जल पशुओं को पिलाएं. उचित मात्रा में खनिज मिश्रण दें. भैंस को दो-तीन बार नहलाएं. एजोला घास का उपयोग करें. गेहूं का चोकर व जौ की मात्रा बढ़ा दें. पशुओं को चराने के लिए सुबह में जल्दी व शाम में देर से भेजें.
लू लगने पर यह करें: पशुओं को पानी से भरे गड्ढ़े में रखें या पूरे शरीर पर पानी का छिड़काव करें. संभव हो तो बर्फ या अल्कोहल पशुओं के शरीर पर रगड़ना चाहिए. ठंडे पानी में तैयार किया हुआ चीनी, भुने हुए जौ का आटा व थोड़ा नमक का घोल बराबर पिलाते रहें. पुदीना व प्याज का अर्क बनाकर दें.