बिहार
वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र के दरूआवारी से गोनौली वन क्षेत्र में पहुंचा उत्पाती नेपाली हाथियों का समूह
Shantanu Roy
26 Sep 2022 6:05 PM GMT

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बगहा। वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना का जंगल अब नेपाली मेहमान बाघ,गैंडा और हाथियों को रास आने लगा है। नेपाल के चितवन निकुंज से भटक कर बाघ,गैंडा तो कभी नेपाली हाथियों का समूह वीटीआर के वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र और गोनौली वन क्षेत्र के जंगलों से सटे सरेहों में चहलकदमी करते रहते हैं। इसी क्रम में सोमवार की दोपहर वीटीआर के वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र के दरूआवारी जंगल से आधा दर्जन नेपाली हाथियों का समूह गोनौली वन क्षेत्र के कक्ष संख्या टी 3 और टी 4 के नेपाल बॉर्डर पर पहुंच कर तांडव मचाना शुरू कर दिया हैं। जिसको लेकर वन प्रशासन ने वन कर्मियों की टीम को हाई अलर्ट करते हुए चौकसी बढ़ा दिया है।
जंगल क्षेत्र से सटे वनवर्ती गांव के लोगों को जंगल और सरेहों की ओर नहीं जाने के लिए प्रचार-प्रसार हो रही है।जानकारी हो कि नेपाली जंगली जानवरों बाघ,गैंडा,हाथी आदि जंगली जानवरों को वीटीआर के जंगल का वातावरण, आव-भाव,विभिन्न प्रकार के घास,पेड-पौधे,मिट्टी, ग्रास लैंड आदि पसंद आने लगा है।इसी लिए बार-बार सीमावर्ती नेपाल के चितवन निकुंज से बाघ,भालू,गैंडा, हाथी जैसे विभिन्न प्रकार के जंगली जानवर का आना-जाना लगा रहता है। यही कारण है कि जंगली जानवरों का वीटीआर का जंगल रास आने लगा है।
इस संबंध में वीटीआर के वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉक्टर नेशा मणि ने बताया कि नेपाल से वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र और गोनौली वन क्षेत्र में हाथियों की चहलकदमी की सूचना मिली है। सूचना को गंभीरता से लेते हुए वाल्मीकि नगर रेंज के रेंजर और गोनौली रेंज के प्रभारी रेंजर रॉबिन आनंद के नेतृत्व में वन कर्मियों की टीम को हाई अलर्ट पर चौकसी के लिए तैनात कर दिया गया है।निदेशक ने बताया कि 2 दिन पूर्व नेपाली हाथियों को नेपाल की ओर सीमा में कर दिया गया था। लेकिन फिर से बारिश होने के चलते नेपाली हाथी गोनौली वन क्षेत्र के टी 3 और टी 4 के नेपाल सीमा के बॉर्डर पर पहुंच गये है। उन्होंने आगे बताया कि नेपाली हाथियों को नेपाल के तरफ वन कर्मियों द्वारा वापस नेपाल जंगल की ओर भेज दिया गया है।
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