![90 उपभोक्ता अधिक डिमांड चार्ज के दायरे में 90 उपभोक्ता अधिक डिमांड चार्ज के दायरे में](https://jantaserishta.com/h-upload/2023/08/08/3278922-010-18.webp)
भागलपुर: शहर में लगभग 80 हजार बिजली उपभोक्ता हैं और इनमें से 90 प्रतिशत ऐसे हैं जो स्वीकृत भार से अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं. इसलिए ये उपभोक्ता अधिक डिमांड चार्ज के दायरे में हैं. अधिक डिमांड चार्ज के रूप में अधिक भार इस्तेमाल के लिए पेनाल्टी लगायी जा रही है और भार के अनुसार शुल्क देना पड़ रहा है. स्मार्ट मीटर लगने के बाद बैलेंस की ज्यादा कटौती का एक कारण यह भी सामने आया है.
मुख्यालय तक जब यह बात पहुंची तो उपभोक्ताओं को फिलहाल पेनाल्टी से राहत देते हुए जागरूकता अभियान चलाकर भार बढ़वाने का टास्क इंजीनियर को दिया गया है. इसके बाद बिजली कंपनी ने सभी उपभोक्ताओं के बढ़े हुए लोड का अलग-अलग हवाला देते हुए मैसेज करना शुरू किया है. उसमें बताया जा रहा है कि आपका स्वीकृत भारत कितना किलोवाट है और आप इस्तेमाल कितना कर रहे हैं. इस्तेमाल के अनुसार सुविधा एप के माध्यम से लोड बढ़ाने का भी अनुरोध किया जा रहा है.
अधिक डिमांड चार्ज बिजली बिल अधिक आने का एक कारण है. इसलिए उपभोक्ता स्वयं अपनी खपत के अनुसार लोड बढ़ा लें तो पेनाल्टी नहीं लगने से बिल भी कम आएगा.
-प्रणव कुमार मिश्रासहायक अभियंता, तिलकामांझी.
30 साल पूर्व का ही लोड
कई उपभोक्ता ऐसे हैं जो 30-40 साल पहले कनेक्शन लिए हैं. उनका घर बढ़ा, बिजली का लोड बढ़ा. उन्होंने अपने कनेक्शन पर लोड नहीं बढ़ाया. इसका नतीजा है कि उनके बिजली बिल में पेनाल्टी लग रहा है.
नहीं लगता था पेनाल्टी
पहले चक्का वाला मीटर लगा था. उस मीटर में लोड की गणना नहीं होती थी. जब छापेमारी होती थी, तभी अधिक लोड का पता चलता था. लेकिन जब मीटर बदला तो गणना भी होने लगी.
● जीनस पावर के प्रोजेक्ट मैनेजर विकास सिंह ने बताया कि अगर सभी उपभोक्ता अपने घरों में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों के अनुसार कनेक्शन लोड बढ़ा लेते हैं तो पेनाल्टी से बच सकते हैं. इससे बिल भी कम आएगा. कई ऐसे उपभोक्ता हैं जिनका एक किलोवाट स्वीकृत भार है और इस्तेमाल 2, 3 या 4 किलोवाट तक हो रहा है.