गया न्यूज़: फसल क्षति मुआवजे के लिए हजारों किसान आवेदन किए हैं. आवेदनों की जांच प्रक्रिया चल रही है, लेकिन जांच के क्रम में कागजी कारणों से 90 प्रतिशत आवेदन रद्द कर दिए गए हैं. ऐसे में किसानों को नये सिरे से आवेदन करना होगा. इसके लिए कृषि विभाग फिर पोर्टल खोलने जा रहा है. जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो ने कहा कि प्रभावित किसानों को हर हाल में मुआवजा देना है, इसलिए नियमों में कुछ बदलाव करते हुए फिर से आवेदन का मौका दिया जा रहा है.
अब तक सिर्फ 10 प्रतिशत आवेदन स्वीकृत पिछले दिनों 17 से 22 मार्च तक मौसम खराब रहने और ओलावृष्टि के कारण गया जिले के हजारों किसानों की फसल बर्बाद हुई. जिले में करीब 6 हजार बीघा में लगी गेहूं की फसल को भारी क्षति पहुंची. कुछ जगहों पर सब्जी की खेती भी बर्बाद हुई. इसके बाद जिला कृषि कार्यालय की ओर से सर्वे कराया गया. सर्वे के अनुसार पूरे गया जिले में 1201 हेक्टेयर भूमि में फसल बर्बाद होने की रिपोर्ट आयी. जिले के बाराचट्टी प्रखंड के 7, डोभी के 3, गुरुआ और टनकुप्पा के एक-एक पंचायत में भारी फसल क्षति की बात सामने आयी. इसके बाद राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी गई और राज्य सरकार के निर्देश पर फसल क्षति मुआवजे के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हुई. सभी चार प्रखंडों से कुल 8523 आवेदन प्राप्त हुए. इसके बाद आवेदन जांच की प्रक्रिया शुरू हुई. दो मई तक कुल 7055 आवेदनों की जांच हुई,. इसमें से सिर्फ 757 आवेदन ही स्वीकृत हुए और 7055 आवेदन अस्वीकृत हो गए. जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो कहते हैं कि दो कारणों से आवेदन निरस्त हुए हैं- पहला, किसानों द्वारा वर्ष 2021-22 के पूर्व का लगान रसीद ऑनलाइन आवेदन के साथ अपलोड करना. चूंकि कृषि इनपुट अनुदान के लिये 2021-22 के पूर्व के लगान रसीद की मान्यता नही दी गयी है. ऐसे में आवेदन रद्द कर दिये गये हैं और दूसरा करण रहा, रैयत किसानों के स्वयं के नाम पर जमीन न होकर पूर्वजो के नाम पर जमाबंदी.