पटना न्यूज़: एटीएम कार्ड फंसाकर रुपये उड़ाने वाला गिरोह लगातार वारदात कर रहा है. ताजा मामले में शातिरों ने पटना इलाज कराने आए जहानाबाद निवासी को अपना शिकार बनाते हुए खाते से 70 हजार रुपये निकाल लिए. पीड़ित की शिकायत पर कंकड़बाग पुलिस मामला दर्ज कर सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है.
जहानाबाद के घोसी निवासी धमेंद्र कुमार इलाज के लिए 13 जुलाई को पटना आए थे. उनका कंकड़बाग में एक डॉक्टर के यहां इलाज चल रहा है. वे शाम छह बजे शालीमार चौक पर बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम से रुपये निकालने गए. उन्होंने जैसे ही मशीन में डेबिट कार्ड डाला वह फंस गया. तभी एक शख्स आया और उन्हें कहा कि दीवार पर गार्ड का नंबर लिखा है. उसपर बात कर लें. बात की तो गार्ड ने कहा कि वह रात आठ बजे आएगा. दोबारा बात की तो गार्ड ने बताया कि इंजीनियर जा रहे हैं. कुछ देर बाद जब पीड़ित वहां गए तो एटीएम में फंसा उनका डेबिट कार्ड गायब था. थोड़ी देर बाद उनके पास उनके खाते से 70 हजार रुपये की निकासी का मैसेज आया तो वे सकते में आ गए. उन्होंने दोबारा गार्ड के नंबर पर फोन किया तो वह बंद आया.
युवतियां पांच महीने से एटीएम में प्लेट फंसा उड़ा रही थी रुपए
कंकड़बाग पुलिस द्वारा गिरफ्तार शातिर युवतियां बीते पांच महीने से एटीएम में प्लेट फंसा लोगों के रुपये उड़ा रही थीं. फिलहाल, तीन घटना को अंजाम देने की पुष्टि हुई है. पुलिस को आशंका है कि दोनों ठगी के एक दर्जन घटनाओं में शामिल रही हैं. पुलिस ने काजल और स्वीटी को कोर्ट में प्रस्तुत कर जेल भेज दिया.
काजल का भाई मास्टरमाइंड हैं. दोनों ने यू-ट्यूब पर एटीएम के कैश डिस्पेंसर में स्टील की प्लेट फंसा नोट उड़ाने की कला सीखी थी. मास्टरमाइंड युवतियों को पिज्जा खिलाने या शापिंग के बहाने मार्केट ले जाता. बाद में ठगी के लिए प्रेरित करने लगा. थानाध्यक्ष रविशंकर सिंह ने कहा, अन्य मामले में संलिप्तता का पता लगाया जा रहा है.
रात पुलिस ने कंकड़बाग टेंपो स्टैंड के पास आईसीआईसीआई एटीएम से रुपये निकालते हुए काजल और स्वीटी को गिरफ्तार किया था. बाहर काजल का भाई फरार होने में सफल हो गया.