बिहार

शोध गंगा पर अपलोड किए गए 6837 शोध प्रबंध

Harrison
22 Sep 2023 2:00 PM GMT
शोध गंगा पर अपलोड किए गए 6837 शोध प्रबंध
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बिहार | ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तालय में उपलब्ध 6857 शोध-प्रबंधों को शोधगंगा पर अपलोड किया गया है.
वहीं, शोधचक्र पर विश्वविद्यालय के 234 शोध पर्यवेक्षक तथा 814 शोधार्थी पंजीकृत हैं.
पुस्तकालय प्रभारी प्रो. दमन कुमार झा ने बताया कि केंद्रीय पुस्तकालय को लगातार प्राप्त हो रहे शोध प्रबंध का वर्षवार एवं विषयवार अभिलेख स्कैन करा कर उसे शोधगंगा पर अपलोड किया जा रहा है. प्रो. झा ने बताया कि शोधगंगा शोधार्थियों को अपनी पीएचडी थीसिस जमा करने और इसे पूरे विद्वान समुदाय के लिए खुली पहुंच में उपलब्ध कराने के लिए एक मंच प्रदान करता है. इस भंडार में शोधकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत ईटीडी (इलेक्ट्रॉनिक थीसिस और शोध प्रबंध) को पकड़ने, अनुक्रमित करने, संग्रहीत करने, प्रसारित करने और संरक्षित करने की क्षमता है. शोधगंगा इनफ्लिबनेट केंद्र द्वारा स्थापित भारतीय इलेक्ट्रॉनिक थीसिस और शोध प्रबंध का डिजिटल भंडार है. वहीं, शोध चक्र पर शोधार्थी अपने रिसर्च वर्क को कलेक्ट, स्टोर व आर्गेनाइज कर सकते हैं. यूजीसी ने शोध कार्य को बढ़ावा देने के लिए एक समन्वित ऑनलाइन प्लेटफार्म शोध चक्र की शुरुआत की है.
प्रो. झा ने बताया कि गत दो-तीन वर्षों में केंद्रीय पुस्तकालय में अनेक कार्य हुए हैं जिसका लाभ अब छात्र-छात्राओं को मिलने लगा है. पुस्तकालय भवन के जीर्णोद्धार के क्रम में ई-लाइब्रेरी के लिए एक आधुनिक हॉल का निर्माण कराया गया है और पूरे परिसर का सौंदर्यीकरण हुआ है. पुस्तकालय की पुस्तकों एवं शोध प्रबंधों की साफ-सफाई लगातार किया जा रहा है. साथ ही उनका वर्गीकरण किया गया है. परिसर व भवन में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. पुस्तकालय आने वाले विद्यार्थियों, शोधार्थियों व शिक्षकों के लिए वाई-फाई की सुविधा भी प्रदान की गई है.
केंद्रीय पुस्तकालय अब विद्यार्थियों, शोधार्थियों व शिक्षकों के लिए शाम आठ बजे तक खुला रहता है. इस वर्ष शिक्षक दिवस के अवसर पर कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने इस सुविधा की घोषणा की जिसे लागू कर दिया गया है. राजनीति विज्ञान की शोधार्थी अश्विनी, जेआरएफ आशुतोष कुमार पांडे, पीजी भौतिकी की छात्रा मीनाक्षी कुमारी, मैथिली के शोधार्थी मोहन मुरारी, सीएम कॉलेज के समाजशास्त्रत्त् विभाग के शिक्षक संजीव कुमार आदि ने पुस्तकालय की समय सीमा बढ़ाये जाने पर खुशी जताते हुए कहा कि यह निर्णय छात्रों व शिक्षकों के लिए काफी लाभकारी सिद्ध हो रहा है.
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