पटना न्यूज़: केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 19 हजार 500 करोड़ की कार्ययोजना पथ निर्माण विभाग ने भेजी है.
इस कार्ययोजना में 625 किलोमीटर एनएच को फोरलेन बनाने, आरओबी, नदियों पर पुल, बाईपास का निर्माण कार्य आदि शामिल है. जल्द ही मंत्रालय और विभाग के पदाधिकारियों के बीच बैठक होगी, जिसके बाद कार्ययोजना पर स्वीकृति मिलेगी. मई के पहले सप्ताह तक केंद्र से कार्ययोजना पर स्वीकृति मिलने की उम्मीद है. राज्य के 625 किलोमीटर लंबे एनएच को इस साल फोरलेन में विकसित करने का प्रस्ताव कार्ययोजना में शामिल किया गया है. इनमें पूर्वी चंपारण के चकिया से मधुबनी के नरहिया तक (214 किमी) जाने वाले एनएच 104 को भी शामिल किया गया है. वहीं, बरियारपुर से देवघर जाने वाला एनएच 333 (141 किमी) तथा डोभी से चतरा तक आदि शामिल हैं. इसी प्रकार दरभंगा शहर के पश्चिम दिशा में तथा जहानाबाद शहर समेत अन्य शहरों में नए बाईपास के निर्माण की स्वीकृति भारत सरकार से मांगी गई है. दरभंगा-जयनगर में शुरू के 14 किलोमीटर के निर्माण की स्वीकृति मिली हुई है. अब इसके शेष 40 किलोमीटर हिस्से के निर्माण की स्वीकृति का प्रस्ताव इस बार गया है. वहीं, भागलपुर में तीन समेत अन्य शहरों में आरओबी के निर्माण की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव दिया गया है. इसके अलावा कार्ययोजना में दरभंगा के जयनगर के पास कमला नदी पर और गंगा में दीघा-सोनपुर जेपी सेतु के समानांतर पुल की मंजूरी भी शामिल है.
विशेष सहायता के लिए प्रस्ताव जल्द तैयार होगा
केंद्र सरकार से राज्यों को मिलने वाली विशेष सहायता के तहत भी पथ निर्माण विभाग का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. इसको लेकर विभाग ने जिलों तथा पथ निर्माण निगम व पुल निर्माण निगम से रिपोर्ट मांगी है. प्रस्ताव में रहेगा कि राज्य की कौन-कौन सी सड़कों और पुल-पुलियों को लेकर विशेष सहायता से तहत केंद्र से राशि ली जाएगी. मालूम हो कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस मद में भारत सरकार से पथों और पुलों के निर्माण और विस्तार के लिए 1800 करोड़ मिले थे. यह राशि बिना किसी ब्याज के 50 वर्षों तक के लिए लोन पर राज्यों को दी जाती है.