मधुबनी: प्रखंड क्षेत्र की जगदीशपुर पंचायत के जगदीशपुर गांव में 52 करोड़ से भी अधिक की लागत से बनी 0.765 मीटर लंबी सड़क महज चार वर्षों के भीतर ही जर्जर होकर राहगीरों के लिए जानलेवा बन गई है. गांव के मुस्लिम टोला तक बनी यह सड़क मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत वर्ष 2019 में बनाई गई थी.
सड़क किनारे लगे शिलापट्ट के अनुसार निर्माण एजेंसी द्वारा इसका अनुरक्षण आगामी वर्ष 2024 तक किया जाना है. नियमानुसार इन पांच वर्षों की अवधि में सड़क के क्षतिग्रस्त होने पर इसकी तत्काल मरम्मत का दायित्व विभागीय अधिकारियों की होती है. विभागीय अधिकारियों की उपेक्षा के कारण जगह जगह टूट कर बिखरी सड़क में हल्की बारिश में भी सड़क पर जमा कीचड़ के कारण लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है. ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल दरभंगा-2 के द्वारा संपादित इस सड़क के अनुरक्षण का समय 24 जुलाई 2024 में पूर्ण होता है. इस बीच इस सड़क को एक बार भी संवेदक द्वारा अनुरक्षण नहीं किए जाने से संपूर्ण सड़क टूट कर बिखर गई है. स्थानीय प्रेम कुमार शर्मा, रोहित कुमार, रामदेव महतो, मोहम्मद जाकिर ,मोहम्मद रफीक,मोहम्मद कलाम सहित कई लोग बताते हैं की सड़क निर्माण के बाद एक बार भी सड़क की मरम्मत ही नहीं की गई है. जबकि संवेदक को वर्ष में आवश्यकतानुसार मरम्मति का कार्य करना है. इस संबंध में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्य प्रमंडल दरभंगा-2 के कार्यपालक अभियंता से संपर्क करने का प्रयास असफल रहा.
स्टांप नहीं मिलने से लोग परेशान: बहेड़ा अवर निबंधन कार्यालय के मुद्रांक विक्रेता के पास 50 एवं 100 रुपये के ननजूडिशियल स्टांप नहीं मिलने से आए दिन लोगों की परेशानी बढ़ गई है. नवादा, तरौनी, बेलौन के अनिल झा, लक्ष्मण झा सरदार, भरत चौधरी ने बताया कि बीते दस दिनों से एक सौ रुपये की
ननजूडिशियल स्टांप के लिए अवर निबंधन कार्यालय के मुद्रांक विक्रेता के पास जाते हैं, लेकिन उनके पास 50 एवं एक सौ रुपये का स्टांप नहीं होने की बात कह कर वापस किया जाता है.
इधर, जिला कोषागार अधिकारी एसके आर्य से स्टांप की किल्लत के संबंध में मोबाइल पर कॉल किया गया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं किया.