गया: शहर में डेंगू का खतरा बढ़ गया है, लेकिन निगम के पास फॉगिंग की बड़ी मशीनें नहीं हैं. पूर्व में पटना से चार बड़ी मशीनें मंगवाई गई थीं. कुछ साल पहले उन्हें वापस भेज दिया गया. फिलहाल नगर निगम के पास हैंड फॉगिंग मशीनें भी जरूरत से कम हैं. 49 वार्डों के लिए महज 25 मशीनें ही हैं. ऐसे में रोज सभी वार्डों में फॉगिंग मुमकिन नहीं है. दो दिन पर हर वार्ड में फॉगिंग हो पाएगी.
नगर आयुक्त नवीन कुमार ने डेंगू को लेकर हर वार्ड में चूना, ब्लीचिंग पाउडर और एंटी लार्वा के छिड़काव के अलावा फॉगिंग सुनिश्चित करने के आदेश दिए थे. इधर, तकनीशियनों का कहना है कि बारिश के कारण फॉगिंग में तकनीकी परेशानी आ रही है. फॉगिंग के दौरान टरबाइन या बैरल अत्यधिक गर्म हो जाता है. ऐसी स्थिति में पानी पड़ने पर आग लगने का खतरा रहता है. इसके अलावा फॉगिंग से जुड़ी सामग्री में भी पानी जाने पर धुआं का असर कम हो जाता है.
जलजमाव के बीच मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है. इसको देखते हुए नालों के साथ ही जलजमाव वाली जगहों पर एंटी लार्वा के छिड़काव को लेकर हर वार्ड व अंचल के स्तर पर एक-एक लीटर दवा उपलब्ध कराई गई है. इसके अलावा ब्लीचिंग व चूना पाउडर भी दिए गए हैं.