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बिहार | बिहार के छोटे शहरों में बुनियादी ढांचे में सुधार को लेकर 466 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यह राशि टियर-2 एवं टियर-3 के शहरों में खर्च होंगे. ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (आरआइडीएफ) की तरह शहरी आधारभूत संरचना विकास निधि (यूआइडीएफ) से यह राशि राज्य सरकार को मिलेगी.
इस राशि से छोटे शहरों में जलापूर्ति और स्वच्छता, शहरी संपर्क और शहरी क्षेत्र का विकास शामिल है. टियर-2 शहर 1,00,000 से 9,99,999 की आबादी वाले होते हैं, जबकि टियर-3 शहर 50,000 से 99,999 की आबादी वाले होते हैं. सात साल के लिए सस्ती दर पर यह राशि ऋण के रूप में मिलेगी. इसके लिए नेशनल हाउसिंग बैंक को नोडल एजेंसी बनाया गया है. यूआइडीएफ के तहत ली गई योजना की निर्धारित राशि में वृद्धि होने पर, उसे राज्य सरकार को अपने संसाधान से पूरा करना होगा. वहीं, परियोजना की मंजूरी मिलने के 18 महीने के अंदर जमीनी कार्य आरंभ नहीं होता है तो मंजूरी समाप्त हो जायेगी.
बुनियादी ढांचों में सुधार को लेकर आरआइडीएफ ऋण पर लगने वाली ब्याज दर की तरह ही होगा. बैंकों द्वारा जमा की गई राशि और यूआइडीएफ ऋण की दरें रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर तय की जायेगी. योजना की राशि स्वीकृत होने के समय बैंक दर जो भी होगा उसमें से 1.5 प्रतिशत घटाने पर जो दर होगा, वहीं ब्याज दर होगा. अगर, ऋण लेने के समय बैंक दर 6.5 प्रतिशत थी, इसमें 1.5 प्रतिशत घटाने से 5 प्रतिशत होता है, तो ब्याज की दरें 5 प्रतिशत होगी. ऋण राशि को ऋण स्वीकृत होने की तारीख से सात साल के भीतर वार्षिक किश्तों में चुकाया जा सकता है.
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Harrison
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