मधुबनी न्यूज़: जिले में टीबी मरीजों की संख्या में अचानक इजाफा हो गया है. इसे लेकर विभाग अलर्ट हो गया है. सिर्फ मार्च महीने में 464 टीवी मरीजों की पहचान होने के बाद विभाग भी सकते में है.
जिले के सभी सक्रिय हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर 13 अप्रैल तक सघन टीबी खोज अभियान चलाया जा रहा है. मार्च माह में 464 मरीजों की खोज की गई. इसमें 203 सार्वजनिक स्तर पर तथा 251 प्राइवेट संस्थानों से टीबी के मरीजों की पहचान हुई. सीडीओ डॉ. जीएम ठाकुर ने बताया कि 464 में से 10 एमडीआर के मरीज मिले हैं. प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिस्फी में सबसे अधिक टीबी संक्रमित मरीज मिले हैं. विभाग सभी संक्रमित मरीजों को मुफ्त में दवा व पोषण के लिए 500 रुपये महीने उपलब्ध करा रही है.
स्ाबसे खतरनाक स्टेज के मरीज भी मिले विशेषज्ञों की माने तो एमडीआर टीबी का सबसे खतरनाक स्टेज है. एमडीआर टीबी से संक्रमित मरीज अगर किसी सामान्य व्यक्ति के सामने छींक दें तो वह सीधे एमडीआर के मरीज बन जाएगा. जिले में फिर से 10 एमडीआर के मरीज मिले हैं. सीडीओ ने बताया कि सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से टीबी मरीजों की लगातार पर्यवेक्षण-निगरानी कर रहा है. टीबी मरीज़ों की संख्या बढ़ने का मुख्य कारण अधिकतर मरीज बीच में ही इलाज एवं नियमित रूप से दवा का सेवन करना छोड़ देते हैं.
इसीलिए विभाग द्वारा निक्षय मित्र योजना की शुरूआत की गई है.
इस योजना के तहत मरीजों को गोद लिया जाता है. जिसके लिए सरकार और विभाग अपने स्तर से पूरी तरह से प्रयासरत है.
निक्षय मित्र की मदद से टीबी का होगा खात्मा
जिले में अब निक्षय मित्र की मदद से टीबी का खात्मा होगा.
निक्षय मित्र बनने के लिए अपने जिला यक्ष्मा केंद से संपर्क स्थापित किया जा सकता है. प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान पर क्लिक कर निक्षय मित्र पंजीयन फॉर्म पर क्लिक कर अपनी पूरी जानकारी देने के बाद ही इस अभियान से जुड़ा जा सकता है. इसके अलावा निक्षय हेल्प लाइन नंबर- 1800116666 पर कॉल कर के विस्तृत जानकारी ली जा सकती है. वहीं निक्षय मित्र बनने के लिए टीबी से ग्रसित मरीजों की सहमति लेकर पोषण के लिए उन्हें सहायता उपलब्ध करानी होगी.