मुंगेर न्यूज़: सदर अस्पताल में अनवरत बिजली आपूर्ति के बावजूद आउटसोर्सिंग पर जेनरेटर चला रहे संचालक द्वारा पिछले वर्ष मई से सितंबर तक जेनरेटर के पांच माह का 9.97 लाख रुपए का बिल प्रस्तुत करने का प्रमंडलीय आयुक्त के निर्देश पर बनी जांच कमेटी के आधार पर संवेदक के बिल से 40 प्रतिशत राशि कटौती कर भुगतान का आदेश सिविल सर्जन को दिया गया. सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा अस्पताल प्रबंधक को राशि कटौती कर जेनरेटर संचालक को भुगतान का आदेश दिया गया है.
सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा उपाधीक्षक को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि जीएसटी छोड़ कर जेनरेटर संचालक का कुल बिल 8 लाख 45 हजार 149 रुपया है, जिसमें से 3 लाख 38 हजार524 रुपया की कटौती कर संवेदक को 5 लाख 6 हजार 625 रुपया भुगतान करने का आदेश दिया गया है. इस संबंध में उपाधीक्षक डा.रमण कुमार ने बताया कि जेनरेटर संचालक को प्रस्तुत बिल की राशि कटौती कर भुगतान का आदेश प्राप्त हुआ है. आवंटन उपलब्ध होनेे पर जेनरेटर संचालक को राशि का भुगतान किया जाएगा.
बता दें कि सदर अस्पताल के जेनरेटर संचालक द्वारा वर्ष 2022 में मई से सितंबर माह तक पांच माह का बिल 9.97 लाख रुपया अस्पताल प्रशासन को प्रस्तुत किया गया था. अनवरत बिजली रहने के बावजूद पांच माह में इतनी बड़ी रकम का बिल जेनरेटर के नाम पर प्रस्तुत करने संबंधी मामला प्रमंडलीय आयुक्त ने संज्ञान लेते हुए जांच कमेटी बना कर जांच का निर्देश दिया था.
तत्कालीन सदर एसडीओ यतिन्द्र कुमार पाल, जिला लेखापाल और जिला उद्योग महाप्रबंधक की टीम ने 26 नवम्बर 22 को अस्पताल पहुंच कर मामले की जांच की थी. जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा संवेदक के बिल से 40 प्रतिशत राशि कटौती कर भुगतान का आदेश दिया गया.