मुजफ्फरपुर: जिले में 40 फीसदी कोचिंग संस्थान अब भी स्कूल के समय पर चल रहे हैं. सरकारी स्कूलों के लगभग 40 फीसदी विद्यार्थी स्कूल जाने की जगह कोचिंग संस्थानों में कक्षाएं ले रहे हैं. स्कूल के समय पर कोचिंग चलने पर न तो किसी संस्थान पर कार्रवाई हुई न ही कोचिंग का औचक निरीक्षण हो रहा है. शिक्षा विभाग ने जुलाई में सूबे के सभी कोचिंग संस्थानों को सरकारी स्कूल के समय बंद करने का आदेश दिया था. डीएम के आदेश पर पटना डीईओ ने कोचिंग को चिह्नित किया. पटना में 1654 कोचिंग को चिह्नित किया गया. इनमें सात सौ से अधिक स्कूल के वक्त खुले रहते हैं.
कोचिंग संस्थानों के साथ बैठक में दिये गये थे ये निर्देश
● सरकारी स्कूल का कोई छात्र या छात्रा कोचिंग संस्थान में नहीं पढ़ेगा
● सुबह नौ से चार बजे शाम तक पटना जिले के तमाम कोचिंग बंद रहेंगे
● सरकारी स्कूल के शिक्षक या शिक्षकेत्तर कर्मी कोचिंग संस्थान को सहयोग नहीं करेंगे
● स्कूल या कॉलेज की चहारदीवारी पर कोचिंग का बैनर या पंपलेट नहीं चिपकाया जाएगा
● छात्र-छात्राओं को कोचिंग आने के लिए प्रलोभन नहीं देंगे
सुबह पांच से छह बजे तक और शाम के पांच से आठ बजे तक कोचिंग संचालित करते हैं. कोचिंग संस्थान को सुबह नौ से चार बजे तक बंद करने का नुकसान बिहार बोर्ड के छात्रों को ज्यादा हो रहा है. 12वीं उत्तीर्ण, ओपेन स्कूलिंग और कॉलेज में पढ़ रहे विद्यार्थियों के लिए कोचिंग संस्थान खुलने चाहिए. -आनंद जायसवाल, निदेशक, मेंटर्स एडुसर्व
इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोचिंग में नामांकन लिया था. स्कूल नहीं जाता था. अब जाता हूं. स्कूल में नियमित पढ़ाई और प्रयोगशाला चल रही है.
-पीयूष कुमार
(10वीं), शास्त्रत्त्ीनगर बालक हाई स्कूल
इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए बेटे का नाम कोचिंग में लिखवाया था. फिलहाल नाम कटवा दिया है. इससे पैसे की बचत हो रही है. अब बच्चे को केवल स्कूल भेज रहे हैं. कोचिंग नहीं करवा रहे.
-राधा रमण सिंह, अभिभावक