बिहार

बिहार में 4 प्रतिशत आबादी हेपेटाइटिस बी से ग्रसित

Admin Delhi 1
31 July 2023 4:49 AM GMT
बिहार में 4 प्रतिशत आबादी हेपेटाइटिस बी से ग्रसित
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पटना न्यूज़: बिहार की कुल आबादी का 4 प्रतिशत हेपेटाइटिस बी से और एक प्रतिशत हेपेटाइटिस सी से ग्रसित रहते हैं. लेकिन इसकी जानकारी उन्हें तब होती है जब ऑपरेशन या रक्तदान से पहले उनकी खून जांच होती है.

ये बातें पेट रोग विशेषज्ञ डॉ. बीके अग्रवाल, बिग हॉस्पीटल के निदेशक पदमश्री डॉ. विजय प्रकाश व आईजीआईएमएस के गैस्ट्रोलॉजी के डॉ. आशीष झा ने विश्व हेपेटाइटिस दिवस की पूर्व संध्या पर कहीं.

विशेषज्ञों ने कहा कि अब हेपेटाइटिस सी का इलाज पूरी तरह संभव है. वहीं हेपेटाइटिस बी को विश्वभर में सर्वाधिक घातक रोगों में से एक माना जाता है.

टीकाकरण ही बचाव डॉ. विजय प्रकाश ने बताया कि हेपेटाइटिस से बचाव के लिए सभी को हेपेटाइटिस बी के टीका का तीन डोज लेना चाहिए. तीन डोज की कीमत अधिकतम 500 रुपये खर्च आता है. डॉ. आशीष झा ने बताया कि हेपेटाइटिस बी, सी के मरीज राज्य के लगभग जिले से आईजीआईएमएस आते हैं. लेकिन सर्वाधिक प्रकोप किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, अररिया, सहरसा आदि जिले में पाया जाता है. कहा कि परिवार में किसी एक व्यक्ति में संक्रमण पाया जाए तो पूरे परिवार को इसकी जांच जरूर करानी चाहिए.

30 हजार लोगों की निशुल्क जांच और टीकाकरण कराया

पटना के पेटरोग विशेषज्ञ डॉ.बीके अग्रवाल ने हेपेटाइटिस से बचाव के लिए मुहिम चलाया है. इसके तहत उन्होंने अबतक 30 हजार से अधिक लोगों की निशुल्क हेपेटाइटिस जांच और टीकाकरण कराया है. डॉ. बीके अग्रवाल ने बताया कि 2008 में विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर उन्होंने हेपेटाइटिस से बचाव के लिए मुहिम की शुरुआत की थी. प्रत्येक को आयोजित निशुल्क जांच कैंप में उनके द्वारा लोगों की हेपेटाइटिस की जांच कराई जाती है. यही नहीं, अगर उनके मरीज में कोई भी एक व्यक्ति हेपेटाइटिस पॉजिटिव पाया जाता है तो उसके पूरे परिवार की जांच उनके द्वारा कराई जाती है. अबतक 30 हजार से ज्यादा लोगों की जांच और टीकाकारण उनके माध्यम से कराया जा चुका है. कहा कि हेपेटाइटिस को खत्म करने के लिए सरकार, स्वयंसेवी संस्थाओं और मेडिकल संस्थानों को आगे आना होगा.

हेपेटाइटिस बी से बचाव को क्या बरतें सावधानी

● सूई लगाने के लिए हमेशा नए डिस्पोजल सीरिंज का प्रयोग

● दूसरे का इस्तेमाल किया हुआ टूथब्रश और रेजर का इस्तेमाल ना करें

● टैटू या गोदना केवल नई सूई से ही लगवाना चाहिए

● बच्चों के नाक-कान छिदवाने के लिए नई सूई का प्रयोग करें

● प्रतिष्ठित ब्लड बैंक से प्रमाणित रक्त ही चढ़ाने के लिए लें

● रक्तदान के दौरान जांच करने के बाद ही खून लें

● हेपेटाइटिस बी टीके का संपूर्ण डोज लें

● विवाहेत्तर एवं असुरक्षित यौन संबंधों से बचें

● पेशाब का पीला होना

● फैटी लिवर, पेट में भारीपन

● पेट में पानी होना

● भूख नहीं लगना

● खून की उल्टी होना

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