बिहार

4 ठिकानों पर छापेमारी में मिले 4 करोड़ नकद व 1 किलो सोना; नोट गिनने के लिए मंगवानी पड़ीं दो मशीन

Admin4
25 Jun 2022 4:36 PM GMT
4 ठिकानों पर छापेमारी में मिले 4 करोड़ नकद व 1 किलो सोना; नोट गिनने के लिए मंगवानी पड़ीं दो मशीन
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निगरानी ब्यूरो की टीम ने शनिवार को ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार के चार ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। पटना के तीन ठिकानों सुल्तानगंज के खान-मिर्जा गली स्थित उनके मकान, पटना सिटी में मलेरिया हॉस्पिटल स्थित सरकारी कार्यालय एवं गोला रोड स्थित इंडियन कॉलेज ऑफ फॉर्मेसी व गया में उनके एक आवासीय फ्लैट में छापा मारा गया।

ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार के जिम्मे पटना-5 यानी अशोक राजपथ, गोविंद मित्रा रोड से लेकर सुल्तानगंज तक का क्षेत्र है। राज्य की सबसे बड़ी थोक दवा मंडी गोविंद मित्रा रोड भी इनके ही क्षेत्राधिकार में आता है। सुल्तानगंज के खान-मिर्जा गली स्थित मकान से सर्च के दौरान चार करोड़ नकद, 955 ग्राम सोना, दो किलो 976 ग्राम चांदी, 12 हजार का एक हीरा के अतिरिक्त पांच स्थानों पर जमीन-जायदाद से जुड़े कागजात और विभिन्न माध्यमों में निवेश से जुड़े कागजात भी मिले हैं। माना जा रहा है कि बिहार में अब तक जितने भी लोकसेवकों के यहां छापेमारी हुई है, उनमें सबसे अधिक कैश व चलसंपत्ति जितेंद्र कुमार के यहां ही मिली है। संदलपुर के एक अपार्टमेंट में भी इनका एक बेनामी फ्लैट मिला है। इनके खिलाफ 1.59 करोड़ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया है।

इनके घर में मौजूद आधा दर्जन से अधिक गोदरेज की आलमारी को खोला गया, तो इनमें रखे बड़े-बड़े झोलों में 500 एवं दो हजार के नोटों की गड्डियां मिलीं। सभी झोलों में रखे नोटों को निकालकर जब गिनने का सिलसिला शुरू हुआ, तो निगरानी ब्यूरो के कर्मी परेशान हो गये। मदद के लिए नोट गिनने की दो मशीन के साथ दो बैंककर्मियों को बुलाना पड़ा। आधी रात तक नोटों के बंडल गिने जाते रहे।

ड्रग इंस्पेक्टर रहते हुए इंडियन कॉलेज ऑफ फॉर्मेसी के निदेशक भी

जितेंद्र कुमार ड्रग इंस्पेक्टर रहते हुए ही गोला रोड (दानापुर) स्थित इंडियन कॉलेज ऑफ फॉर्मेसी के निदेशक भी हैं। अब तक की जांच के आधार पर माना जा रहा है कि करोड़ों की नकदी, सोना-चांदी, कॉलेज भवन और कई भूखंड इनकी काली कमाई का हिस्सा है। जब्त किये गये कागजात के अनुसार गया, पटना, नोएडा समेत व अन्य शहरों में इनकी जमीन-जायदाद हैं। जांच पूरी होने के बाद स्पष्ट हो पायेगा कि इनका रकवा और मूल्य कितना है। बैंकों में जमा राशि की भी जांच चल रही है। एसआईपी, शेयर समेत अन्य माध्यमों में निवेश से जुड़े कई कागजात भी मिले हैं। शुरुआती जांच में इनमें भी करोड़ों के निवेश की बात सामने आ रही है।

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