नालंदा न्यूज़: ह्रदय रोग से पीड़ित जिले के 38 बच्चों को जीवनदान मिला है. अप्रैल 2021 से फरवरी 2023 तक बाल ह्रदय रोग योजना के तहत जिले में इस तरह के 66 रोगी मिल चुके हैं. शेष का भी ऑपरेशन कराया जाएगा. इसकी तैयारी चल रही है. हालांकि, इलाज के क्रम में तीन बच्चों की मौत भी हो चुकी है.
वे काफी गंभीर रूप से बीमार थे. राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत ह्रदय रोग, बौनापन, एनिमिया व कुपोषित बच्चों की खोज कर उनका इलाज किया जाता है. ताकि, बच्चे स्वस्थ बनें. सदर अस्पताल सभागार में सीएस डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने कहा कि बहुत से बच्चे गरीबी के कारण अपना सही से इलाज नहीं करा पाते हैं. अशिक्षा के कारण उन्हें इन बीमारियों का पता भी नहीं चल पाता है. ऐसे में चिकित्सा क्षेत्र में काम कर रहे कर्मी अपने आसपास भी इस तरह के बच्चों की पहचान कर इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दें. आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ. सत्यरंजन ने सदर अस्पताल में हुई कार्यशाला में कहा कि इस तरह के बच्चों का ऑपरेशन गुजरात के अहमदाबाद सत्य साईं ह्रदय रोग संस्थान में कराया गया था. बच्चे के साथ अटेंडेंट के तौर पर एक अभिभावक भी जा सकता है. नए मिले रोगियों में से छह बच्चे काफी गंभीर रूप से बीमार हैं. इस कारण उनका ऑपरेशन कराना संभव नहीं है. उन्होंने सभी आशा कर्मी, आंगनवाड़ी सेविका, सहायिका को मोहल्ला व टोला स्तर पर ऐसे बच्चों को स्क्रीनिंग कराने में मदद करने की अपील की है. ताकि, इस योजना का लाभ इस तरह के बच्चों को तुरंत मुहैया करायी जा सके. एसीएमओ डॉ. विजय कुमार सिंह के अलावा दर्जनों डॉक्टर फर्मासिस्ट व नर्स शामिल थे.