बिहार

28 करोड़ के मालिक पर दर्ज हैं 38 मुकदमे, अनंत सिंह की राजनीति का होगा अंत

Admin4
21 Jun 2022 5:53 PM GMT
28 करोड़ के मालिक पर दर्ज हैं 38 मुकदमे, अनंत सिंह की राजनीति का होगा अंत
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28 करोड़ के मालिक पर दर्ज हैं 38 मुकदमे, अनंत सिंह की राजनीति का होगा अंत

पटना: मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह (RJD MLA ANANT SINGH) को एके-47 मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है. अनंत सिंह को सजा सुनाए जाने के साथ ही उनके राजनीतिक भविष्य पर विराम लगता दिख रहा है और उनकी विधायकी जानी तय है.ऐसे में बिहार में एक और उपचुनाव की दस्तक सुनाई देने लगी है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिहार में अपराधियों का राजनीतिकरण का दौर थम चुका है. इलियास हुसैन और राजबल्लभ यादव के बाद इस फेहरिस्त में एक नाम और जुड़ चुका है अनंत सिंह का. 10 साल के सजा के ऐलान के साथ ही उनकी विधानसभा की सदस्यता जानी तय मानी जा रही है. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से बाहुबली के राजनीतिकरण पर विराम लग गया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि 2 साल या उससे अधिक की अगर किसी को सजा सुनाई होती है तो ऐसी स्थिति में उनकी सदस्यता रद्द समझी जाएगी. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद उनकी सदस्यता बहाल हो सकती है.

मोकामा विधानसभा सीट पर उपचुनाव 6 महीने के भीतर कराए जाएंगे. इसके आसार स्पष्ट दिख रहे हैं. अनंत सिंह से पहले राजबल्लभ यादव और इलियास हुसैन की सदस्यता जा चुकी है. साल 2005 से पहले अनंत सिंह राजद सरकार में मंत्री रह चुके दिवंगत दिलीप सिंह के निकट सहयोगी रहे और दोनों रिश्ते में भाई भी हैं. दिलीप सिंह के छत्रछाया में ही बाहुबली अनंत सिंह का अपराध की दुनिया में कद बढ़ा लेकिन साल 2005 में अनंत सिंह जदयू के टिकट पर पहली बार मोकामा से चुनाव लड़े और विधायक बने.राजद-जदयू दोनों से लड़ चुके हैं चुनाव: 2010 में अनंत सिंह लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और विधायकी बरकरार रखी. सितंबर 2015 को अनंत सिंह ने जदयू छोड़ दिया. 2015 विधानसभा चुनाव अनंत सिंह निर्दलीय लड़े और एक बार फिर विधायक बने. 2020 के विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह राजद के टिकट पर चुनाव लड़े और उन्हें एक बार फिर जीत हासिल हुई लेकिन आर्म्स एक्ट मामले में सजा मिलने के बाद उनके राजनीतिक भविष्य पर विराम लगता दिख रहा है.

1987 में बाढ़ में एएसपी रह चुके अमिताभ कुमार दास का कहना है कि अनंत सिंह को राजद सरकार में मंत्री रह चुके दिलीप सिंह का संरक्षण मिला और धीरे धीरे वह राजनीति में सक्रिय हुए. वरिष्ठ आईपीएस अमिताभ कुमार दास का कहना है कि अनंत सिंह को भरपूर राजनीतिक संरक्षण मिला राजद और जदयू दोनों दलों के शीर्ष नेताओं ने अनंत सिंह की पीठ पर हाथ रखे और अनंत सिंह ने अपने बाहुबल के सहारे राजनीतिक जमीन को मजबूती दी.

बाहुबली विधायक अनंत सिंह का शुरू से आपराधिक इतिहास रहा है. दबंग छवि वाले अनंत सिंह को 'छोटे सरकार' (Mokama Chote Sarkar) भी कहा जाता है. कई मामलों में उनके नाम जुड़ चुके हैं. खुद अपने शपथ पत्र में अनंत सिंह ने बताया है कि 1979 में पहली बार हत्या के मामले में आरोपी बने थे. उनके खिलाफ हत्या का पहला केस पटना के बाढ़ थाने में दर्ज हुआ था. अबतक का उनका आपराधिक रिकॉर्ड देखें तो प्रदेश के अलग-अलग जिलों में उनके खिलाफ कुल 38 मामले (38 cases registered against against anant singh ) दर्ज हैं. बाहुबली विधायक अनंत सिंह 28 करोड़ के मालिक हैं.

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