बिहार

35 साल के ललन अचानक हो गए लापता, गए थे बाबा बागेश्वर के दर्शन के लिए

suraj
22 May 2023 8:05 AM GMT
35 साल के ललन अचानक हो गए लापता, गए थे बाबा बागेश्वर के दर्शन के लिए
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मध्य प्रदेश: छतरपुर में स्थित बाबा बागेश्वर धाम इन दिनों काफी चर्चा में हैं। देश- विदेश से लोग अपनी अर्जी लगाने इस दरबार में जाते हैं। बिहार के दरभंगा के रहने वाले ललन कुमार भी अपनी अर्जी लगाने बाबा बागेश्वर धाम पहुंचे थे। 35 साल के ललन ने बाबा बागेश्वर के दर्शन किए... फिर अचानक लापता हो गए। अब उन्हें खोजा जा रहा है, लेकिन कहीं अता-पता नहीं है। ललन सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं और फरवरी से ही गायब हैं।

वहीं, परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है। वे लोग लापता शिक्षक की फोटो लेकर दर-दर भटक रहे हैं। शिक्षक के छोटे भाई लक्ष्मण कुमार ने घोषणा की है कि ललन का पता बताने वाले को एक लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा। लक्ष्मण पेशे से पेशे से इंजीनियर हैं। उनकी सालाना इनकम 12 लाख रुपए हैं। फिलहाल अपनी नौकरी छोड़ वह अपने भाई के तलाश में लगे हुए हैं।

6 फरवरी को आखिरी बार बात हुई थी

जिले के बहेरी थाना क्षेत्र के बघौनी गांव के रहने वाले ललन 6 फरवरी 2023 को बागेश्वर धाम पहुंचे थे, जहां से वे लापता हो गए। आज चार महीने बाद भी शिक्षक का कोई भी सुराग नहीं लगा है। मां बेटे के इंतजार में बैठी है। वो बताती हैं कि 5 फरवरी को ललन घर से निकला था। 6 फरवरी की सुबह जब वो पूजा कर के आया, तब पत्नी सविता से और मुझसे वीडियो कॉलिंग के जरिए बात हुई थी। इसके बाद अचानक से उसका फोन बंद हो गया।

12 फरवरी को आई थी सूचना

परिजनों ने बताया कि मध्य प्रदेश के हरदा थाने से 12 फरवरी को फोन आया था। बताया गया कि वो कुएं में गिर था, जिसे एसडीआरएफ ने रेस्क्यू कर बाहर निकाला है। उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। इसके बाद 13 फरवरी को छोटा भाई लक्ष्मण वहां पहुंचा। इसके बाद जानकारी मिली कि पुलिस को बिहार जाने की बात कह कर ललन निकल चुका है, लेकिन इसके बाद अभी तक कोई नहीं मिली।

मां ने बताया कि बाबा बागेश्वर के पास दो बार उसकी पत्नी और तीन बार छोटा भाई लक्ष्मण की ओर से अर्जी लगाई गई। पटना में बहन गीता की ओर से भी अर्जी लगाई गई। इसके बावजूद भी कोई सुराग नहीं लगा। बागेश्वर बाबा ने भी जवाब दे दिया कि जब तक अर्जी नहीं लगेगी तब तक कुछ कह पाना मुश्किल है।

भाई ने 3, पत्नी ने 2 बार अर्जी लगाई

शिक्षक के गुम होने के बाद परिजन ने 11 फरवरी 2023 को पुलिस में गुमशुदगी दर्ज करा दी। बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पास भी उनके छोटे भाई लक्ष्मण (26) ने 3 बार अर्जी लगाई। यही नहीं, शिक्षक की पत्नी भी 2 बार अर्जी लगा चुकी है। लक्ष्मण का कहना है कि मैंने भाई की तलाश में जगह-जगह पोस्टर लगाए। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीर और मेरे नंबर सर्कुलेट कर दिए, जिससे किसी भी तरह से मुझे भाई का पता लग सके।

2010 में हुई थी शादी

ललन की शादी पास के ही बोरवा गांव के सविता कुमारी (29) से 2010 में हुई थी। उसका दो बेटा माधव रवि (10) राघव रवि (7) है। उनके पिता दिव्यांग है। परिजन बताते हैं कि 2013 में बेंगलुरु से बीएड करने के बाद 2015 में नौकरी लगी थी। परिवार में सभी खुश थे। दोनों भाई ने मिलकर घर भी बनाया। छोटे बेटे की नौकरी लगने के बाद अब उसकी शादी होनी थी, लेकिन अब दुख का पहाड़ टूट पड़ा है।

पत्नी को बताया था- बाबा के दर्शन हो गए

दरभंगा जिले के बघौनी से शिक्षक लालन कुमार (36) 6 फरवरी को दर्शन करने बागेश्वर धाम आए थे। परिजन के मुताबिक जब वे बघौनी से निकले, तब पूरी तरह स्वस्थ थे। रोज बच्चों को पढ़ाने स्कूल जाया करते थे। बागेश्वर धाम पहुंचने के बाद सुबह 5 बजे उनकी बात पत्नी सविता कुमारी से हुई थी। शिक्षक ने पत्नी को बताया था कि बाबा के दर्शन हो चुके हैं। एक-दो दिन में घर लौट आएंगे। उसी दिन 10 बजे के बाद उनका फोन बंद हो गया।

पेशे से इंजीनियर है छोटा भाई

लापता शिक्षक के भाई लक्ष्मण कुमार ने बताया कि मैं एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूं। 12 लाख का पैकेज है। एक लाख का महीने कमाता हूं, लेकिन अब नौकरी छोड़कर पिछले चार महीने से अपने भाई की तलाश में एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक भटक रहा हूं। यहां तक कि मैंने पुलिस के पास भी रिपोर्ट दर्ज कराई हुई है। वहां से भी कोई सुराग नहीं लग पा रहा है।

लक्ष्मण कुमार से जानिए लापता भाई की कहानी..

12 फरवरी 2023 को किसी ने बड़े भाई के मोबाइल से मुझे कॉल किया और कहा कि यह व्यक्ति बीते चार दिन से मध्यप्रदेश के हरदा जिले में है। उनका मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है। मैं 13 फरवरी को दोपहर में ट्रेन से वहां पहुंच गया। सबसे पहले अपने दोस्त के साथ कोतवाली गया। वहां पुलिस को पूरी बात बताई। इसके जवाब में मुझसे कहा गया कि हरदा बहुत छोटा सा शहर है। आप खुद ही ढूंढ लो। अगर आपका भाई यहां होगा तो आसानी से मिल जाएगा। यह सुनकर भाई को ढूंढने शहर में निकल पड़ा।

हम खेड़ीपुरा मोहल्ले में पहुंचे। वहां एक व्यक्ति ने खुद को पूर्व विधायक मनोहर लाल राठौर बताया और कहा कि आपके भाई को सुबह यहीं देखा था। उसे पुलिस उठाकर ले गई है। इसके बाद मैं पुन: हरदा कोतवाली गया, जहां कहा गया कि हम ऐसे किसी व्यक्ति को नहीं लाए हैं। आपको जिसने भी सूचना दी है, वह गलत है। उनकी बात सुनकर मैं निराश हो गया।

मैंने अपने दोस्तों के साथ करीब 15 दिन तक पूरे शहर की खाक छानी, लेकिन कहीं कोई सुराग नहीं लगा। आखिरकार हम हरदा से लौट आए। अब तक तलाश कर रहे हैं। हमारी तलाश एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक चलती है। कभी इस थाने तो कभी उस थाने के चक्कर काट रहे हैं। अब एक बार फिर बमीठा थाने आए हैं, ताकि पुलिस को हम पर तरस आ जाए और वे मेरे भाई को ढूंढ निकाले।

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