बिहार

राष्ट्रीय लोक अदालत में 3255 लंबित मामलों का किया निपटारा

Admin Delhi 1
12 Sep 2023 6:43 AM GMT
राष्ट्रीय लोक अदालत में 3255 लंबित मामलों का किया निपटारा
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पटना हाईकोर्ट के जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह व जस्टिस पुरणेन्दु सिंह ने किया निरीक्षण

कटिहार: बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा जारी अधिसुचना एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह जिला जज हेमन्त कुमार त्रिपाठी द्वारा जारी निर्देश के आलोक में जिला अदालत परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिसकी विधिवत उद्घाटन जिला जज हेमन्त कुमार त्रिपाठी,प्रधान न्यायाधीश ऋषिकांत, सचिव सह ए डि जे अनिल कुमार राम, उप विकास आयुक्त सौरभ सुमन एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी रश्मी के द्वारा द्विप प्रज्ज्वलित कर किया गया.

17 बेंचों का किया गया था गठन राष्ट्रीय लोक अदालत के उद्घाटन के पश्चात गठित.सत्रह बेंचों में भारी तादाद में मौजुद पक्षकारों ने समझौते के आधार पर अपने मामलों के निष्पादन हेतु उपस्थिति दर्ज करायी . जिसमें सबसे अधिक पक्षकार बैंक ऋण से संबंधित बेंचों में थे . राष्ट्रीय लोक अदालत की समापन के पश्चात प्राधिकार के सचिव सह एडीजे अनिल कुमार राम ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में पक्षकारों से समझौते के पश्चात कुल 03 हजार 255 मामलों का निष्पादन सत्रह बेंचों में किया गया. इनमें राष्ट्रीयकृत बैकों कि विभिन्न शाखाओं नें 02 हजार 394 ऋणियों से राशी 09 करोङ 31 लाख 22 हजार 596 रुपये पर समझौता किया . वहीं अदालत में बीमा कम्पनी के विरूद्ध दायर दावा के छ मामलों में 43 लाख 70 हजार रुपये पर समझौता के बाद मामला निष्पादित किया गया. सचिव ने बताया कि अदालत में लंबित लघु प्रकृति के 308 तथा रेलवे अदालत के 452 बिजली बकाया एवं चोरी से संबंधित 71 तथा प्री लेटीगेशन के 54 वादों का भी इनमें निष्पादन किया गया

हाईकोर्ट के जस्टिस ने किया औचक निरीक्षण राष्ट्रीय लोक अदालत कि प्रगति के बीच दोपहर में बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यकारी अध्यक्ष सह पटना हाईकोर्ट के जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह एवं जस्टिस पुरणेन्दु सिंह राज्य प्राधिकार के सदस्य सचिव राजेश नारायण सेवक पाण्डेय तथा सहायक निबंधक रोहित कुमार के साथ औचक निरीक्षण हेतु अदालत परिसर पहुंचे जहां जिला जज हेमन्त कुमार त्रिपाठी ने बुके भेंट कर अभिनन्दन किया. जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह ने न्याय सदन स्थित प्रबंध कार्यालय आदि का गहन निरीक्षण किया वआश्वस्त किया कि न्यायिक कार्यो का निकट भविष्य में डिजिटलईजेशन किया जाऐगा.

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