बिहार
बिहार के विश्वविद्यालयों में 30% सीटें रह गईं खाली, नामांकन कम होने के ये अहम कारण
Renuka Sahu
9 March 2022 3:28 AM GMT
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फाइल फोटो
बिहार के छात्र उच्च शिक्षा के लिए जहां यूक्रेन जा रहे हैं, वहीं राज्य के कॉलेजों में स्नातक विषयों में सीटें खाली रह जा रही हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार के छात्र उच्च शिक्षा के लिए जहां यूक्रेन जा रहे हैं, वहीं राज्य के कॉलेजों में स्नातक विषयों में सीटें खाली रह जा रही हैं। विश्वविद्यालयों में बीए, बीएससी और बीकॉम में नामांकन की प्रक्रिया समाप्त हो गई है। कहीं 50 तो कहीं 30 प्रतिशत सीटें खाली हैं। अगर सभी विवि में औसत की बातें करें तो 25 से 30 प्रतिशत स्नातक की सीटें खाली रह गई हैं। कोई ऐसा विविनहीं है, जहां शत-प्रतिशत नामांकन हुआ है। राज्य के विश्वविद्यालयों में सबसे कम सीटें पटना विश्वविद्यालय में हैं। यहां दाखिला लेना छात्रों की पहली पसंद है। कोरोना काल को छोड़ दिया जाए तो सत्र भी नियमित रहे हैं। बावजूद सभी सीटें नहीं भर सकी हैं। अन्य विश्वविद्यालयों के निजी कॉलेजों में भी ज्यादा सीटें खाली हैं।
राज्य से छात्रों का होता है पलायन
राज्य के मेधावी छात्रों का पलायन होता है। इस वजह से सीटें खाली रह जाती हैं। बिहार के छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय, बीएचयू, उत्तर प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों सहित दूसरे राज्यों में जाते हैं। विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी भी इसका एक बड़ा कारण है।
मानविकी संकाय में ज्यादा सीटें खाली
सभी विश्वविद्यालयों में नामांकन के आंकड़ों को देखें तो बीए में मानविकी संकाय के विषयों में सीटें ज्यादा खाली हैं। विज्ञान विषय की सीटें अपेक्षाकृत कम खाली हैं। कुछ ऐसे विषय हैं, जिसे छात्र पसंद नहीं कर रहे हैं। पाली, प्राकृत, पर्सियन, संस्कृत, बंगाला, मगही, उर्दू, मैथिली, हिन्दी और अंग्रेजी विषयों में ज्यादा नामांकन नहीं है।
नामांकन कम होने के ये अहम कारण
पटना विवि के कुलपति प्रो. गिरीश चौधरी बताते हैं कि राज्य के विश्वविद्यालयों में नामांकन कम होने के कई कारण है। मानविकी संकायों के विषयों में नामांकन कम होते हैं। यह स्थिति पूरे बिहार की है। संस्कृत, उर्दू, बांग्ला, मैथिली, पाली, हिन्दी, पर्सियन सहित सामाजिक विज्ञान के कुछ विषयों के प्रति कम रुझान है। विश्वविद्यालयों से काफी निजी कॉलेजों का संबंद्धन हो गया है। सीटें भरना संभव नहीं है। आज के समय में रोजगारपरक शिक्षा सभी को चाहिए। वोकेशनल कोर्सों के प्रति छात्रों का रुझान बढ़ा है।
विश्वविद्यालय सीटें नामांकन
तिलका मांझी विवि, भागलपुर 66000 36000
मगध विश्वविद्यालय, गया 105000 65000
जय प्रकाश नारायण विवि, छपरा 32000 28000
मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर 95000 83000
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा 95000 83000
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना 102000 92000
एलएनएमयू विश्वविद्यालय, दरभंगा 301244 162980
बीबीएबी विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर 156000 113389
बीएन मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा 62568 39806
पूर्णिया विश्वविद्यालय पूर्णिया 46891 27305
पटना विश्वविद्यालय 4471 4200
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